Saturday, June 29, 2024
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अब EPFO में 30 जून तक जमा कराएं अपना आधार नंबर 

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने चार करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए आधार संख्या जमा कराने की अंतिम तिथि को 30 जून तक बढ़ा दिया है। हालांकि, पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यह अंतिम तिथि 30 सितंबर 2017 है। 

ईपीएफओ ने एक परिपत्र में कहा है कि सभी फील्ड कार्यालयों को निर्देश दिया जाता है कि कर्मचारी पेंशन योजना-1995 को अपनाने वाले सभी नए सदस्यों की आधार संख्या नियोक्ता एक जुलाई 2017 से पहले जमा कराएं और पूर्वोत्तर के राज्यों में यह कार्य एक अक्तूबर 2017 से पहले पूरा किया जाना है।   ईपीएफओ ने जनवरी में अपने सभी सदस्यों के लिए आधार संख्या जमा कराना अनिवार्य कर दिया था।

EPFO इस साल एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में 20,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने हाल में इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा था कि EPFO ने ETF में निवेश की सीमा बढ़ाने का फैसला किया। दत्तात्रेय ने कहा कि ETF में निवेश की सीमा को निवेश योग्य जमा का 10 से बढ़ाकर 15 फीसदी करने के बारे में

 

RBI ने यथावत रखी ब्याज दरें, रेपो रेट 6.25 प्रतिशत पर बरकरार

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने फिर से नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद कमिटी ने 6.25 प्रतिशत का रीपो रेट ही बरकरार रखा। इसके अलावा, रिवर्स रीपो रेट को 6% और सीआरआर को 4% पर ही बरकरार रखा गया है।

हालांकि, स्टैचुटअरी लिक्विडिटी रेशो (एसएलआर) को 20.50 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया। नई दर 24 जून से लागू होगी। कमिटी ने एमएसएफ दर और बैंक दर को भी 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरा रखा है।महंगाई को लेकर आरबीआई का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत तक रहा सकती है जबकि दूसरी छमाही में महंगाई दर 3.5-4.5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है।

गौरतलब है कि एमपीसी के 5 सदस्य मौजूदा ब्याज दरों में बदलाव के पक्ष में नहीं हैं और उन्होंने इसे बरकरार रखने के पक्ष में मत दिया। एमपीसी ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में 0.1 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे 7.4 प्रतिशत से 7.3 प्रतिशत कर दिया है। 21 जून को एमपीसी मिनट्स जारी होंगे और एमपीसी की अगली बैठक 1-2 अगस्त को होगी।

अगली समीक्षा में रेट कट की संभावना

2017-18 में अप्रैल से सितंबर के बीच आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 4.5 प्रतिशत रखा है। वहीं, दूसरी छमाही में उसे इसके 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिटेल इन्फ्लेशन अप्रैल में 2.99 प्रतिशत के रेकॉर्ड लो लेवल पर आ गई थी, जबकि मार्च में यह 3.89 प्रतिशत के साथ पांच महीने के पीक पर थी। बेस इफेक्ट और फूड प्रॉडक्ट्स के दाम कम होने से महंगाई काबू में है। इसके साथ ही, देश में 1 जुलाई से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने जा रहा है। मॉनसून सीजन में बारिश का भी महंगाई पर असर पड़ेगा। वहीं, पिछले कुछ महीनों से क्रूड ऑइल के दाम में गिरावट आ रही है, जो भारत के हक में है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले रुपया 8 पैसे कमजोर

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मुंबई। अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे कमजोर पड़कर 64.51 रुपये प्रति डॉलर पर बोला गया। रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा आने से पहले बाजार में सतर्कता का रुख रहा।

विदेशी मुद्रा डीलरों के अनुसार आयातकों की डॉलर के लिए मांग बढ़ने और विदेशों में कुछ अन्य मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती से रुपये पर दबाव बढ़ गया। बाजार में कल डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे गिरकर 64.43 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज कारोबार के शुरुआती दौर में 99.42 अंक यानी 0.31 प्रतिशत बढ़कर 31,289.98 अंक पर पहुंच गया।

जीएसटी लागू होने के बाद रेल का सफर होगा महंगा

 ट्रेन में ही यात्रियों से वसूला जाएगा आधा फीसदी बढ़ा हुआ टैक्स

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी को भले ही क्रांतिकारी पहल माना जा रहा हो, लेकिन एसी क्लास के रेल पैसेंजरों की जेब पर जीएसटी भारी पड़ने जा रहा है। यही नहीं, अगर जीएसटी 1 जुलाई से लागू होता है तो उससे पहले भी जो पैसेंजर रेल टिकट बुक करा चुके होंगे, उन्हें आधा फीसदी टैक्स ट्रेन में सफर के दौरान चुकाना होगा। इस कवायद के लिए रेलवे ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है।

इंडियन रेलवे के टॉप ऑफिसर ने  LEN-DEN NEWS को बताया कि यह तय है कि एसी क्लास के जिन पैसेंजरों ने जीएसटी लागू होने से पहले भी रेल टिकट बुक करा रखा है, उन्हें भी जीएसटी लागू होने के बाद यात्री किराए का लगभग आधा फीसदी टैक्स यात्रा के दौरान चुकाना होगा। यह राशि टीटीई सफर के दौरान ही पैसेंजरों से वसूलेंगे।

इंडियन रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि दरअसल पहले एसी क्लास के पैसेंजरों के किराए के 30 फीसदी हिस्से पर ही 14.5 फीसदी टैक्स वसूला जाता था, जो गणना में कुल किराए का लगभग 4.5 फीसदी ही पड़ता था। जीएसटी लागू होने के बाद में रेल किराए पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा। इस तरह से एसी क्लास में सफर करने वाले रेल पैसेंजरों को आधा फीसदी ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।

रेलवे का कहना है कि जिन यात्रियों ने पहले ही टिकट बुक करा रखा है, उन्हें जीएसटी की बढ़ी दर से निजात नहीं मिलेगी। रेलवे के मुताबिक, यात्रा के दौरान ही एसी क्लास के यात्रियों से बची हुई आधा फीसदी की राशि वसूली जाएगी। मसलन, अगर 1 जुलाई से ही जीएसटी लागू होता है तो अगले चार महीने तक टीटीई एसी क्लास के यात्रियों से आधा फीसदी राशि अलग से वसूल करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए रेलवे ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। यही नहीं, चूंकि कैटरिंग पर भी असर पड़ेगा इसलिए खानपान के बिल पर भी असर पड़ेगा।

इसके अलावा रेलवे ने 250 लोकल ट्रेनों में पंखों और लाइट को पावर देने के लिए फ्लेक्सिबल सोलर पैनल और बैटरी इंस्टॉल करने की योजना बनाई है। अभी तक यह फैसला नहीं किया गया है कि ये ट्रेनें कहां चलेंगी, लेकिन ट्रेनों में सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए पहले ही टेंडर निकाले जा चुके हैं। टेंडर हासिल करने वाली कंपनियों को पहले छह ट्रेनों में प्रॉजेक्ट पूरा करना होगा।

वन टैक्स-वन नेशन पर बड़ा कदम उठाएगा आयकर विभाग

नई दिल्ली। जीएसटी के वन नेशन-वन टैक्स के सिद्धांत को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बड़े पैमाने पर अपना सकता है, जिससे असेसमेंट के मामले में जूरिस्डिक्शन का टंटा ही खत्म हो जाएगा। यानी, मुंबई के किसी टैक्सपेयर का असेसमेंट पटना स्थित कोई इनकम टैक्स ऑफिसर कर सकेगा। यह भ्रष्टाचार खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम होगा क्योंकि नागरिकों और टैक्स अधिकारियों के आमने-सामने मिलने की जरूरत बेहद कम रह जाएगी। साथ ही, इससे प्रक्रिया में भी तेज आएगी।

एक न्यायिक क्षेत्र बनेगा पूरा देश
इस कदम से वॉर्ड्स और सर्कल्स के रूप में तमाम भौगोलिक वर्गीकरणों का महत्व भी नहीं रहेगा और पूरा देश एक जूरिस्डिक्शन में आ जाएगा। हालांकि इसके लिए इनकम टैक्स लॉ में एक बदलाव करना होगा। एक सीनियर अधिकारी ने LEN-DEN NEWS को बताया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की एक हाई लेवल इंटरनल रिपोर्ट में यह कदम उठाने की सिफारिश की गई थी। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पर विचार किया जा रहा है। सरकार इस प्रोसेस को अगले वित्त वर्ष में लागू करने पर विचार कर सकती है।

ई-फाइलिंग से खुला रास्ता
इस महत्वपूर्ण टैक्स सुधार पर ध्यान रिटर्न्स की ई-फाइलिंग की बढ़ी रफ्तार के कारण आया। ऐसी ई-फाइलिंग में जूरिस्डिक्शन की बाधा नहीं है और फाइल किए गए रिटर्न बेंगलुरु में सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर के पास जाते हैं। पिछले फाइनैंशल इयर में फरवरी तक 4.21 करोड़ से ज्यादा टैक्स रिटर्न्स ऑनलाइन फाइल किए गए थे। तब तक 4.3 करोड़ ई-रिटर्न्स की प्रोसेसिंग हो चुकी थी। इसमें पिछले वर्षों का कुछ बैकलॉग भी था।

टैक्सपेयर को नहीं करना होगा अधिकारियों का सामना
अधिकारी ने बताया कि ई-प्रोसेसिंग की दिशा में इस कदम के साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लिमिटेड स्क्रूटिनी वाले सभी मामलों के लिए ई-स्क्रूटिनी का विकल्प चुन सकता है। ऐसे मामलों में असेसी सवालों के घेरे में आए ट्रांजैक्शंस पर अपना स्पष्टीकरण ईमेल से दे सकता है। जूरिस्डिक्शन का मसला नहीं होने पर भौगोलिक स्थिति का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स के लिए पूरी तरह फेसलेस हो जाएगा। रिटर्न का कोई भी रिव्यू या स्क्रूटिनी देश में कहीं भी इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस के जरिए हो सकेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि करदाता पर अधिकारियों से आमने-सामने संपर्क करने का दबाव न रहे। अधिकारी ने कहा, ‘टैक्सपेयर के अपने असेसिंग ऑफिसर के साथ किसी भी फिजिकल इंटरफेस की जरूरत नहीं रह जाएगी।’

 

यूटीएस मोबाइल एप से भी बुक करा सकेंगे ट्रेन टिकट

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नई दिल्ली ।अब  ट्रैन यात्री घर बैठे यूटीएस मोबाइल एप के जरिए अनारक्षित टिकट बुक करा सकते हैं। इसके बाद टिकट का प्रिंटआउट सीधे रेलवे स्टेशन पर लगी ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन से निकाला जा सकेगा। इस प्रोग्राम की शुरुआत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हो गई है।दिल्ली डिविजन के डीआरएम आर एन सिंह ने बताया, “पूरे डिविजन के 62 रेलवे स्टेशनों पर यह मशीने लगाई जाएंगी।

इसके लिए 300 से ज्यादा एटीवीएम खरीदी गई हैं। धीरे-धीरे 62 रेलवे स्टेशनों पर एटीवीएम मशीनों को इन्स्टॉल करने का काम शुरू किया जाएगा। अब पैसेंजरों को काउंटर्स की लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, यात्रियों से ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायतें भी दूर हो सकेंगी। टिकट दलालों की सक्रियता भी कम होगी”।

कैसे मिलेगा टिकट?

  • इसके लिए सबसे पहले यात्री को अपने फोन में UTS on mobile एप डाउनलोड कर इंस्टॉल करनी होगी।
  • इसके बाद अपना नंबर रजिस्टर कराएं। यहां यात्री को अपनी आईडी बनानी होगी।
  • अब जब टिकट बुकिंग करें तो यहां पेपर टिकट का विकल्प चुनना होगा।
  • इसके बाद स्टेशन का नाम दिखाई देगा, इसे सेलेक्ट करें। अभी यहां केवल नई दिल्ली ही दिखाई देगा।
  • यात्री को जहां तक का भी सफर तय करना है उस स्टेशन का नाम एंटर कर दें।
  • जैसे ही यात्री टिकट बुक करेंगे वैसे ही बुकिंग आईडी जारी की जाएगी।
  • इसके बाद स्टेशन जाकर ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन में प्रिंट टिकट ऑप्शन को चुनें।
  • यहां यात्री को अपना मोबाइल नंबर और बुकिंग आईडी नंबर एंटर करनी होगी।
  • इसके बाद यात्री को उनका टिकट मिल जाएगा।

ईसॉप और एफडीआई पर नहीं लगेगा कैपिटल गेन टैक्स

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए ऐसे चुनिंदा इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर लगने वाले कैपिटल गेन से संबंधित टैक्स नियमों को स्पष्ट किया है, जिन पर किसी भी तरह के सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) का भुगतान नहीं किया गया है। इससे ऐसे ट्रांजेक्शन को लेकर पैदा हुई अनिश्चितता खत्म हो गई है जो बजट प्रपोजल के बाद शुरू हुई थी।

आयकर विभाग ने कहा, “आरबीआई, मार्केट रेग्युलेटर सेबी, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट और एनसीएलएटी की ओर से मान्यता प्राप्त फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, इम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन (ईसॉप) और ऑफ मार्केट ट्रांजैक्शंस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगेगा, भले ही उन पर कोई एसटीटी का भुगतान नहीं किया गया हो।”

 सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) की ओर से इस साल के बजट में कुछ रूल्स नोटीफाई किए गए थे, जो कहते थे कि अगर एसटीटी का भुगतान नहीं किया गया है तो ऑफ मार्केट लेनदेन में सूचीबद्ध शेयरों के अधिग्रहण पर पूंजीगत लाभ लगाया जाए, ऐसे में इसने वाजिब इन्वेस्टमेंट्स के लिहाज से बड़ी राहत दी है।

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में सरकार ने नोटिस किया था कि धारा 10 (38) के दुरूपयोग किया जा रहा है जो कि दीर्घकालिक पूंजीगत परिसंपत्ति का स्थानांतरण जैसे कि इक्विटी और म्यूचुअल फंड से प्राप्त उस आय पर छूट प्रदान करती है जिस पर एसटीटी का भुगतान किया गया था।

आय से अधिक संपत्ति के 18 साल पुराने मामले में रिटायर्ड एसई को 4 साल कैद

आय से 111 गुना अधिक संपत्ति मिली, 11.96 लाख रुपए की रिकवरी करने का आदेश 

कोटा। आयसे अधिक संपत्ति के 18 साल पुराने मामले में कोर्ट ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आनंदीलाल माथुर को दोषी मानते हुए 4 साल के कारावास 15 लाख के जुर्माने से दंडित किया है।

न्यायालय ने कलेक्टर को आदेश दिया है कि आरोपी की संपत्ति कुर्क करके 11 लाख 96 हजार 459 रुपए की रिकवरी की जाए। सेशन न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के विशिष्ट न्यायाधीश अश्वनी विज ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया। गौरतलब है कि कोटा में ऐसा पहला मामला है जिसमें किसी अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सजा हुई है।

न्यायाधीश विज ने 37 पेज के आदेश में लिखा कि भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है जो धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था देश को खोखला करने का कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाए जाने के लिए कठोर दंड का प्रावधान होना चाहिए।आदेश में कहा गया कि आरोपी के विरुद्ध 11 लाख 96 हजार 459 रुपए की आय भ्रष्ट एवं अवैध साधनों से अर्जित करना प्रमाणित पाया गया है।

सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने सजा के बिंदु पर बहस में कहा कि आरोपी ने विद्युत मंडल में अधीक्षण अभियंता के पद पर रहते हुए अवैध साधनों से आय से अधिक परिसम्पत्तियां अर्जित कर दुराचरण का अपराध किया है। हालांकि उसके विरुद्ध ट्रैप कार्रवाई के दर्ज प्रकरण में उसे कोर्ट द्वारा संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया है। ऐसे मामलों में यदि नरमी का रुख अपनाया गया तो अपराध करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा।

ये है मामला
प्रकरण के अनुसार 9 अप्रैल 1999 को आरोपी आनंदीलाल माथुर को सुनेल, झालावाड़ निवासी इंद्रसिंह मांडलोई की शिकायत पर ठेके के कमीशन के तौर पर 3 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आनंदीलाल के घर सी-9 आरपीएस कॉलोनी कोटा की तलाशी में आरोपी द्वारा 24 लाख 31 हजार 573 रुपए की परिसम्पत्तियां अर्जित करना पाया।

माथुर ने वर्ष 1967 से राज्य सेवा ज्वॉइन की थी। नियुक्ति से लेकर अब तक की आय 1/3 भाग रसोई खर्च करने के बाद 10 लाख तथा मकान किराए से आय 1.5 लाख रुपए मानते हुए इनके संपूर्ण सेवाकाल में वैध साधनों से प्राप्त आय 11.5 लाख रुपए मानी जा सकती है। इसकी तुलना में माथुर के पास 24 लाख 31 हजार 573 रुपए की परिसम्पत्तियां पाई गई। यानी आय के ज्ञात स्रोतों से 12 लाख 81 हजार 573 रुपए यानि 111.44 प्रतिशत अधिक की परिसम्पत्तियां पाई गई।

 

नोटबंदी के कारण सुस्त हुई विकास की रफ्तार: मनमोहन

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश का विकास धीमा पड़ा है जिसका मुख्य कारण नोटबंदी है तथा अर्थव्यवस्था केवल सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। उन्होंने स्थिति विशेषकर रोजगार सृजन पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर गहरी चिंता जतायी। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अपने संबोधन में आर्थिक विकास में आई गिरावट पर चिंता जताई जो गत तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में झलक रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मनमोहन ने कहा कि भारत के गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े कुछ दिन पहले जारी किए गए। भारत के आर्थिक विकास में भारी गिरावट आई है, मुख्यत: नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी घोषणा के कारण।

उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बताने वाला वास्तविक उप माप सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में भारी और निरंतर कमी आई है। निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है तथा अर्थव्यवस्था एकमात्र सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। उद्योगों का जीवीए जो मार्च 2016 में 10.7 प्रतिशत था वह मार्च 2017 में घटकर 3.8 प्रतिशत रह गया। इसमें करीब सात प्रतिशत की गिरावट आई।

पूर्व प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन को सबसे चिंताजनक पहलु बताया। उन्होंने कहा कि इसमें सबसे चिंताजनक बात रोजगार सृजन का प्रभाव है। देश के युवाओं के लिए रोजगार मिलना बहुत कठिन हो गया है। देश में सबसे अधिक रोजगार सजन करने वाला निर्माण उद्योग सिकुड़ रहा है। इसका मतलब है कि देश में लाखों नौकरियां खत्म हो रही हैं।

इस साल जून से सितंबर तक जम कर होगी बारिश, मौसम विभाग का दावा

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नई दिल्ली। इस मानसून आप जमकर बारिश का मजा ले पाएंगे, क्योंकि मानसून न सिर्फ समय पर पूरे देश में पहुंच रहा है। बल्कि अनुमानों के मुताबिक वो जमकर बरसेगा भी। यही नहीं, जिस अल-नीनो की वजह से इस साल सूखे का अंदेशा जताया जा रहा था, वो न सिर्फ मानसून के दूसरे हिस्से में सक्रिय होगा, बल्कि उसका असर भी बेहद कम होगा। 

मौसम विभाग के महानिदेशक के जी रमेश ने कहा कि इस साल मानसून अच्छा रहेगा। उन्होंने अंदेशा जताया कि अल-नीनो की वजह से मानसून को नुकसान तो उठाना पड़ेगा, पर ये नुकसान बेहद कम होगा और बारिश पूर्व अनुमानों के हिसाब से अच्छी होगी।

मौसम विभाग के महानिदेशक के जी रमेश ने बताया कि मानसून पूरे देश में अपने तय समय पर पहुंच रहा है। मानसून 13-14 जून तक उत्तरी भारत के महत्वपूर्ण राज्यों पर छा जाएगा। उन्होंने बताया कि 13-14 जून तक मानसून बिहार, झारखंड के साथ ही पश्चिम बंगाल को जमकर भिगो रहा होगा।