सेंसेक्स 360 अंक टूट कर 58,770 और निफ्टी 17,550 के नीचे बंद

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मुंबई। बिकवाली के दबाव और कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच हफ्ते के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय बाजार में भी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 360 पॉइंट गिरकर 58,765 पर और निफ्टी 86 पॉइंट गिरकर 17,532 पर बंद हुआ। पूरे हफ्ते की बात करें तो इस पूरे हफ्ते में सेंसेक्स 1282 पॉइंट और निफ्टी 321 पॉइंट टूटा है। इससे पहले सेंसेक्स 58,889 पर और निफ्टी पर खुला 17,531 पर खुला था।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 19 शेयर्स कमजोरी के साथ और 11 शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए। जिसमें बजाज फिनसर्व के शेयर 3.45%, मारुति के शेयर 2.45% और भारती एयरटेल के शेयर 2.22% गिरकर बंद हुए। वहीं M&M के शेयर 3.05%, डॉ. रेड्डीज के शेयर 1.38% और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर 1.10% चढ़कर बंद हुए।

कारोबार के दौरान रियल्टी और IT शेयर्स पर दबाव देखने को मिला। NSE पर रियल्टी इंडेक्स 1.51% गिरकर बंद हुआ और IT इंडेक्स 0.71% गिरकर बंद हुआ। वहीं बाजार को फार्मा और PSU बैंक के शेयर का सपोर्ट मिला। फार्मा इंडेक्स 0.84% चढ़कर बंद हुआ। 3.21% की कमजोरी के साथ बजाज फिनसर्व निफ्टी का टॉप लूजर और 2.98% की तेजी के साथ M&M टॉप गेनर रहा।

BSE पर 1,810 शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए
BSE पर 3,408 शेयर्स में कारोबार हुआ। जिसमें 1,810 शेयर्स बढ़त के साथ और 1,422 शेयर्स लाल निशान में कारोबार करते दिखे। इसी के साथ BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 259.59 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है।

BSE पर 404 शेयर्स में अपर सर्किट लगा
BSE पर कारोबार के दौरान 226 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 25 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे। इसके अलावा 404 शेयर्स में अपर सर्किट लगा तो वहीं 134 शेयर्स में लोअर सर्किट लगा। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 287 पॉइंट गिरकर 59,126 पर और निफ्टी 93 पॉइंट गिरकर 17,618 पर बंद हुआ था।

सितंबर में GST कलेक्शन 1.17 लाख करोड़ रुपए रहा
सरकार की आमदनी भी बढ़ रही है। अगस्त के मुकाबले सितंबर में GST कलेक्शन 5,000 करोड़ रुपए बढ़ा है। सितंबर में GST कलेक्शन 1.17 लाख करोड़ रुपए रहा, जो कि अगस्त में 1.12 लाख करोड़ रुपए था।

सितंबर में PMI बढ़कर 53.7 पर पहुंची
सितंबर में IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI बढ़ी है। सितंबर में PMI बढ़कर 53.7 पर पहुंच गई है। जो कि अगस्त में 52.3 थी। इंडेक्स के 50 से ऊपर रहने का मतलब प्रोडक्शन सालाना आधार पर बढ़ा है। इसका इससे नीचे आना प्रोडक्शन में निगेटिव ग्रोथ की निशानी होती है।