सेंसेक्स की एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट, 1942 अंक लुढ़क कर 35,634 पर बंद

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मुंबई। कोरोनावायरस का असर, यस बैंक का संकट और क्रूड ऑयल की कीमतों में 30 फीसदी तक की गिरावट, इन तीन वजहों से सोमवार को शेयर बाजार के इतिहास के तीन सबसे खराब आंकड़े सामने आए। सेंसेक्स ने एक दिन में इतिहास की सबसे बड़ी इंट्राडे की 2467 अंकों की गिरावट देखी। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1941.67 अंक नीचे गिरकर 35,634.95 अंकों पर बंद हुआ। सेंसेक्स 5.17% नीचे रहा। इसी तरह निफ्टी में 538 अंकों की गिरावट आई और यह 10,451.45 अंकों पर बंद हुआ।

सेंसेक्स इस साल के शुरुआती दो महीनों में ही 5672 अंक या करीब 13.73 फीसदी नीचे जा चुका है। निफ्टी भी पीछे नहीं है। निफ्टी दो महीने में 1731 अंक यानी करीब 14.2 फीसदी गिर चुका है।

सोमवार को बाजार की तीन बड़ी घटनाएं

  1. सेंसेक्स में इंट्रा-डे की सबसे बड़ी गिरावट
    सबसे पहले बात करते हैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स की। इसने आज 145 साल के इतिहास में एक दिन की सबसे बुरी गिरावट देखी। सुबह 9:15 बजे जब यह खुला तक यह करीब 1100 अंक नीचे था। 10 बजते-बजते यह 1500 पॉइंट नीचे आ गया। 11 बजे तक 1600 अंक और दोपहर 1:30 बजे तक तो यह 2345 अंक लुढ़क चुका था। सेंसेक्स में 2467 अंकों की इंट्राडे गिरावट रही। यह अब तक की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट है। इससे पहले 24 अगस्त 2015 को सेंसेक्स में इंट्राडे की सबसे बड़ी गिरावट 2200 अंकों की रही थी।
  2. सेंसेक्स 13 महीने पुराने स्तर पर जा पहुंचा है
    इस साल के शुरुआती कुल 69 दिनों में सेंसेक्स 5672 अंक नीचे आ चुका है। 1 जनवरी को सेंसेक्स 41 हजार 306 अंकों पर था। तब से अब तक इसमें 13.73 फीसदी की गिरावट आई है। इस गिरावट ने सेंसेक्स को 35,634.95 पॉइंट पर ला दिया है। इससे पहले 15 जून 2018 को सेंसेक्स 35,622 अंकों पर था।
  3. निफ्टी 16 महीने के सबसे निचले स्तर पर
    नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी सोमवार सुबह 318.95 अंकों की गिरावट के साथ खुला। सुबह 11:15 बजे तक यह 417.05 पॉइंट तक लुढ़क गया। दोपहर 1:30 बजे तक 638 अंक गिरकर 16 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया। इस साल निफ्टी 1731 अंक नीचे जा चुका है। 1 जनवरी को निफ्टी 12 हजार 182 अंकों पर था। 9 मार्च को 10,451.45 अंकों पर पहुंच कर बंद हुआ।

शेयरों का वैल्यूएशन एक दिन 7 लाख करोड़ घटा
निवेशकों के शेयरों का वैल्यूएशन एक दिन 7 लाख करोड़ रुपए घट गया। शुक्रवार को ट्रेंडिंग खत्म होने पर बीएसई का मार्केट कैप 144 लाख करोड़ रुपए था। सोमवार को यह गिरकर करीब 137 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

रिलायंस को 12 साल का सबसे बड़ा नुकसान, मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कम हुआ। रिलायंस के शेयरों में करीब 13 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। रिलायंस ने अकेले सेंसेक्स को 500 अंकों का नुकसान पहुंचाया।

बीएसई में 2725 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई, इसमें से 2197 कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे। 359 कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही। करीब 80% कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही।महज 23 कंपनियों के शेयर एक साल के उच्च स्तर पर हैं जबकि 839 कंपनियों के शेयर अपने एक साल के निचले स्तर पर हैं।

गिरावट की 4 सबसे बड़ी वजहें

  1. कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने का असर
    भारत समेत दुनिया के 109 देशों में कोरोनावायरस फैल चुका है। 1 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस दुनियाभर के बाजारों में कई सेक्टर पर असर डाला है। फार्मा, ऑटोमोबाइल, स्मार्टफोन्स जैसी मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज पर असर पड़ा है। इसका असर सोमवार को भी दुनियाभर के सभी प्रमुख बाजारों में नजर आया। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, हॉन्गकॉन्ग समेत दुनिया के सभी बाजारों में गिरावट देखने को मिली।
  2. विदेशी बाजारों में गिरावट
    दुनिया के सभी बाजारों में गिरावट आ रही है। जापान को निक्केई 5.2% नीचे है तो ऑस्ट्रेलियन कमोडिटी मार्केट 6.4% नीचे है। डाए जोंस 256 अंक और नैस्डेक 161 अंक नीचे है। ब्रिटेन का एफटीएसई 418 अंक नीचे है। हैंगसेंग 1106 तो कोस्पी 4% से ज्यादा नीचे है।

निफ्टी के टॉप 5 गेनर

शेयरबढ़त
यस बैंक32.20%
बीपीसीएल5.45%
इंफ्राटेल2.85%
आयशर मोर्टस0.71%

निफ्टी के टॉप 5 लूजर

शेयरगिरावट
ओएनजीसी15.99%
वेदांता15.26%
रिलायंस13.10%
जी एंटरटेनमेंट12.73%
इंडसइंड बैंक12.31%