सरकार से विवाद खत्म करेगी केयर्न एनर्जी, एक अरब डॉलर का ऑफर मंजूर

0
437

मुंबई। ब्रिटेन की दिग्गज एनर्जी कंपनी केयर्न एनर्जी ने कहा है कि उसने अमेरिका से लेकर फ्रांस, जैसे कई देशों में भारत सरकार की संपत्तियों को जब्त करने के लिए विदेशी अदालतों में जो मुकदमे किए हुए हैं, उन सबको वापस लेने को तैयार है। कंपनी ने कहा है कि सरकार रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून रद्द करके उसे जो एक अरब डॉलर का रिफंड देने वाली है, वह हाथ आते ही एक-दो दिन के भीतर सभी मुकदमे वापस ले लेगी।

केयर्न एनर्जी के CEO साइमन थॉमसन ने लंदन से न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का पूरा पैसा वापस पाने के लिए भारत सरकार के खिलाफ किए गए सभी मुकदमे वापस लेने का ऑफर उनकी कंपनी को मंजूर है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मामले को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश कर रही है और अगले कुछ हफ्तों में सेटलमेंट कर सकती है।

उन्होंने कहा कि कंपनी पेरिस में भारत के डिप्लोमैटिक अपार्टमेंट और अमेरिका में एयर इंडिया के प्लेन जब्त करने का मुकदमा रिफंड मिलने के एक दो दिन के भीतर वापस ले लेगी। कंपनी के शेयरहोल्डर चाहते हैं कि सरकार का ऑफर मानकर मामला खत्म किया जाए। थॉमसन ने कहा कि कंपनी को भारत सरकार से रिफंड पाने के लिए आर्बिट्रेशन अवॉर्ड, ब्याज और हर्जे-खर्चे के दावे को वापस लेना होगा और सभी मुकदमेबाजी को खत्म करना होगा।

कर विवाद निपटने से केयर्न एनर्जी को 1.06 अरब डॉलर मिलेंगे जिसमें से लगभग 70 करोड़ डॉलर की रकम स्पेशल डिविडेंड और बायबैक ऑफर के जरिए शेयरधारकों के बीच बांटी जा सकती है। थॉमसन ने कहा कि सेटलमेंट होने के चार से छह हफ्ते के भीतर 50 करोड़ डॉलर के प्रस्तावित डिविडेंड और 20 करोड़ डॉलर के बायबैक ऑफर पर शेयरहोल्डर की तरफ से रिजॉल्यूशन आ सकता है।

केयर्न ने 10,247 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की मांग को इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल में चुनौती दी थी। पिछले साल दिसंबर में ट्राइब्यूनल ने टैक्स की डिमांड को खारिज हुए सरकार को कंपनी से वसूली गई रकम लौटाने के लिए कहा था। सरकार के मना करने पर कंपनी ने वसूली के लिए विदेश में उसकी संपत्तियों को जब्त करने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की।

केयर्न ने 1.26 अरब डॉलर का आर्बिट्रेशन अवॉर्ड भारत सरकार के मालिकाना हक वाली एयर इंडिया से दिलाने के लिए मई में अमेरिकी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। भारत सरकार ने इस पर 13 अगस्त को अमेरिकी अदालत से कहा कि केयर्न एनर्जी और भारतीय कर विभाग का विवाद उसके न्यायक्षेत्र में नहीं आता, इसलिए कंपनी की अपील को खारिज किया जाए।

भारत सरकार ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स रूल को खारिज करने के लिए 7 अगस्त को संसद में प्रस्ताव पेश किया था। इस रूल के तहत 50 साल तक पुराने मामलों में कैपिटल गेंस टैक्स मांगा जा सकता था। उसने इस रूल के तहत 17 कंपनियों से कुल 1.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें केयर्न के 10,247 करोड़ रुपए भी शामिल थे।