संसदीय पैनल ने आईटीआर फाइलिंग को और सरल बनाने का किया अनुरोध

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नई दिल्ली। व्यक्तियों और गैर-व्यावसायिक करदाताओं के लिए आईटी रिटर्न दाखिल करना आसान बनाने के लिए संसद की एक पैनल ने आज वित्त मंत्रालय से सामान्य इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म, जल्द लाने को कहा है।

मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में ट्रस्टों और गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी करदाताओं के लिए एक यूजर फ्रेंडली सामान्य आयकर रिटर्न फॉर्म लाने का प्रस्ताव रखा था जिस पर हितधारकों की टिप्पणियां मांगी गईं थी।

भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति ने पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने में लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों को चिह्नित किया था और कर विभाग से प्रक्रिया को सरल और अधिक करदाता अनुकूल बनाने का आग्रह किया था।

सांसद जयंत सिन्हा ने कहा था कि वेतन, किराया और व्यावसायिक आय जैसे विभिन्न स्रोतों से आय वाला कोई भी व्यक्ति स्वयं आईटीआर दाखिल नहीं कर सकता है और उसे चार्टर्ड अकाउंटेंट या आईटीआर दाखिल करने में पर्याप्त ज्ञान और विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्ति की सलाह लेनी पड़ती है।

समिति की सिफारिशों के जवाब में, मंत्रालय ने कहा है कि कर अनुपालन को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए, व्यक्तिगत करदाताओं को वेतन जैसी कुछ आय का पहले से भरा हुआ विवरण प्रदान किया जा रहा है।

कर विभाग ने कहा कि प्री-फाइलिंग के लिए जानकारी का दायरा गृह संपत्ति आय, बैंक ब्याज, लाभांश जैसी जानकारी को शामिल करके और बढ़ाया जा रहा है। समिति की सिफारिशों में आईटीआर-7 को छोड़कर सभी मौजूदा फॉर्मों को मिलाकर, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ एक सामान्य आईटीआर फॉर्म पेश करने का प्रस्ताव है।

समिति ने उम्मीद जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रस्तावित आईटीआर फॉर्म व्यक्तिगत और गैर-व्यावसायिक प्रकार के करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने में काफी आसानी लाएगा।