वैश्य समुदाय हमेशा से ही सामाजिक सरोकारों के लिए अग्रणी: बिरला

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हैदराबाद। विश्व आर्य वैश्य महासभा के वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत और दुनिया में रहने वाले वैश्य बंधुओं-साथियों के समागम से यह सम्मेलन अनूठा हो गया है।

बिरला ने कहा कि भारतीय समाज और दुनिया का चाहे कोई भी समाज रहा हो, वैश्य समुदाय ने प्राचीनकाल से ही हर सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा का विषय हो या देश, समाज और व्यक्ति के कल्याण का, वैश्य समुदाय हमेशा ही सेवा भावना के कार्यों में आगे रहा है और सामाजिक सरोकारों के लिए हमेशा से ही समर्पित रहा है।

बिरला ने कहा कि इस समाज ने जाति और धर्म के बंधन से दूर सभी लोगों की सेवा की है। आज भी पीड़ित मानवता की सेवा के लिए वैश्य समुदाय देश एवं दुनिया के कई हिस्सों में कई कल्याणकारी प्रोजेक्ट्स चला रहा है।

उन्होंने इस बात की सराहना की कि वैश्य समाज की सेवा की इस परंपरा को ‘विश्व आर्य वैश्य महासभा’ अच्छी तरह से आगे बढ़ा रही है। महासभा द्वारा होनहार विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए सहयोग दिया जाता है और छात्रवृत्ति देकर प्रतिभाशाली युवाओं को आगे बढ़ाया जाता है।

उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि समाज के युवाओं को प्रशासन और राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए भी महासभा काम कर रही है और कई कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं में नेतृत्व की भावना का विकास किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने महासभा के पदाधिकारियों को बधाई दी।

लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि आज चाहे कोई भी फील्ड हो, मेडिकल, इंजीनियरिंग, बिजनेस, अकाउंटिंग, जीवन के सभी प्रोफेशनल क्षेत्रों में वैश्य समुदाय ने प्रगति की है। समुदाय के युवा आज इन क्षेत्रों में लगातार अच्छा कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इस समाज के युवा अपनी स्वयं की उन्नति तो कर ही रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही समाज और देश का नाम भी रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह इतिहास रहा है कि वैश्य समुदाय ने अपने व्यवहार और अपने काम से, अपने बिजनेस से, ना सिर्फ खुद की उन्नति की है, बल्कि देश और समाज की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि कोविड के बाद भारत के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ने तेजी से ग्रोथ की है और भारत के एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। बिरला ने संतोष व्यक्त किया कि इसमें हमारे उद्योग-धंधों और बिजनेस कम्युनिटी की बड़ी भूमिका रही है।

उन्होंने याद दिलाया कि कुछ सालों पहले की अगर हम बात करें, तब स्टार्ट अप शब्द हमारे देश में कोई जानता भी नहीं था। आज देखते हैं कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप हब बन चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत में यूनिकॉर्न यानि बड़े स्टार्टअप्स की संख्या 50 से ज़्यादा है और इस मामले में हम ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देशों से भी आगे हैं। उन्होंने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि हमारे MSME, घरेलू उद्योग धंधे आज तेजी से बढ़ रहे हैं।