संसद का मॉनसून सत्र आज से; अग्निपथ, महंगाई जैसे मुद्दों पर हंगामे के आसार

0
260

नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरूहोगा। 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में 24 बिल पेश किए जाने हैं। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने 25 मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराये जाने की मांग की। विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मॉनसून सत्र में सेना में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’, महंगाई और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर सरकार को घेरेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में ‘असंसदीय शब्दों’ की सूची को लेकर भी आपत्ति जताई।

मॉनसून सत्र के दौरान ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों के लिए चुनाव भी होना है। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में पूछा कि संसद सत्र में 14 दिन में 32 विधेयक कैसे पारित होंगे जिन्हें सरकार ने कार्यसूची में रखा है। उन्होंने कहा, ‘सरकार क्या करना चाह रही है?’

उन्होंने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने महंगाई, अग्निपथ, देश के संघीय ढांचे पर हमला तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग समेत 13 विषय उठाए।’ सरकार की ओर से बैठक में रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह, कैबिनेट में उनके सहयोगी तथा राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने हिस्सा लिया।

बैठक में खड़गे के साथ ही कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और जयराम रमेश, द्रविड़ मुनेष कषगम (द्रमुक) के टी. आर. बालू और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार के अलावा बीजू जनता दल (बीजद) के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआरसीपी के विजयसाई रेड्डी, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केशव राव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के ए. डी. सिंह और शिवसेना के संजय राउत समेत लगभग सभी दलों के नेता उपस्थित थे।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘आज सर्वदलीय बैठक में अनेक राजनीतिक दलों ने एक तरफ राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए श्रेय लेने और दूसरी तरफ वन अधिकार अधिनियम, 2006 को समाप्त करने के मोदी सरकार के विरोधाभासी रुख की ओर इशारा किया और इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का समर्थन करने वाले दल भी शामिल रहे।’इससे पहले रमेश ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई।

आईयूएमएल नेता ई. टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने ‘अग्निपथ’, महंगाई और लोकसभा सचिवालय द्वारा निकाली गयी नयी पुस्तिका में असंसदीय शब्दों की सूची पर उठे विवाद के विषयों को उठाया। बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे शब्दों की सूची को लेकर अनुचित तरीके से निशाना बनाया गया है जबकि यह संसद में एक सामान्य प्रक्रिया है।