भारत आर्थिक सुधारों के बहुत करीब, वित्तीय संस्थानों के पास पर्याप्त पूंजी: शशिकांत दास

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास का कहना है कि भारत आर्थिक सुधारों के काफी करीब है। उन्होंने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि वित्तीय संस्थानों के पास पर्याप्त पूजी है। आरबीआई गवर्नर ने यह बात पूर्व नौकरशाह और वित्त आयोग के मौजूदा चेयरमैन एनके सिंह द्वारा लिखी गई किताब ‘पोट्रेट्स ऑफ पावर: हाफ ए सेंचुरी ऑफ बिंग एट रिंगसाइड’ के विमोचन कार्यक्रम में कही।

RBI गवर्नर ने कहा कि हम लगभग इकोनॉमिक रिवाइवल के करीब पहुंच गए हैं। ऐसे में ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए वित्तीय संस्थानों के पास पर्याप्त पूंजी होना काफी महत्वपूर्ण है। दास के मुताबिक, पर्याप्त पूंजी जुटाने को लेकर वे खुद बैंक और एनबीएफसी के साथ बैठक कर चुके हैं। इसमें से कई इकाइयों ने पूंजी जुटा ली है और कई आने वाले महीनों में पूंजी जुटा लेंगी। इसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर की इकाइयां शामिल हैं।

राजकोषीय विस्तार का रास्ता चुनना होगा
शशिकांत दास ने कहा कि भारत को कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने के लिए राजकोषीय विस्तार का रास्ता चुनना होगा। उन्होंने कहा कि इस संकट के बाद सरकार को राजकोषीय मजबूती के लिए स्पष्ट योजना जारी करनी होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस महामारी पर नियंत्रण के बाद सरकार राजकोषीय योजना की जानकारी दी। दास ने कहा कि हमने मौद्रिक और राजकोषीय दोनों नीतियों पर उदार रुख अपनाया है।

बैंकों-एनबीएफसी का विश्लेषण करेंगे
RBI गवर्नर ने कहा कि सरकार ने समाज के कमजोर तबकों को आर्थिक मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा उद्योग और कारोबार को राहत भी उपलब्ध कराई गई है। दास का कहना है कि कोरोनावायरस संकट खत्म होने के बाद बैंकों और एनबीएफसी पर आए दबाव का विश्लेषण किया जाएगा।