डिजिटल धोखाधड़ी रोकना होगा, जी-20 देशों के प्रतिनिधियों की बैठक में बोले वैष्णव

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नई दिल्ली। Stop Digital Fraud: केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जी-20 मंत्रियों की बैठक में साफ किया है कि अब साइबर धोखाधड़ी गतिविधियों पर नियंत्रण किया जा रहा है। तीन दिन पहले हमने दो और सुधार शुरू किए हैं जिसके तहत प्रत्येक डीलर का सत्यापन किया जाएगा। हमारा ध्यान दृढ़ता से यह सुनिश्चित करने पर है कि साइबर धोखाधड़ी और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों को नियंत्रित किया जाए।

भारत के जी-20 देशों के मंत्रियों की डिजिटल अर्थव्यवस्था पर हुई बैठक में वैष्णव ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि वैश्विक समाजों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को अपनाने पर आम सहमति बनी। इस बात पर आम सहमति थी कि विश्व स्तर पर वैश्विक दक्षिण के साथ-साथ अन्य देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं के डिजिटलीकरण के लिए डीपीआई संरचना को अपनाना चाहिए।

जी-20 बैठक के लिए प्राथमिकता वाले तीन प्रमुख क्षेत्र थे, पहला डीपीआई, दूसरा साइबर सुरक्षा और तीसरा कौशल। इन तीनों क्षेत्रों में, हमें एक अच्छी सहमति मिली और आज पूरे जी-20 मंत्रियों की बैठक में एक परिणाम दस्तावेज अपनाया गया।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को एक ऐसा राजनेता करार दिया, जो किसी की जगह शैडो-बॉक्सिंग कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी राजन के उस कथित बयान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में आई जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोबाइल फोन का विनिर्माण नहीं कर रहा है, बल्कि केवल उनकी असेंबलिंग कर रहा है।

उन्होंने कहा,’जब अच्छे अर्थशास्त्री नेता बन जाते हैं तो वे अपनी आर्थिक समझ खो देते हैं। रघुराम राजन राजनेता बन चुके हैं। अब उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए, चुनाव लड़ना चाहिए, चुनाव कराना चाहिए और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। शैडो-बॉक्सिंग करना ऐसा नहीं है जो अच्छा है। वह किसी और की तरफ से शैडो बॉक्सिंग करने की कोशिश कर रहे हैं।’

मंत्री ने कहा कि अगले दो साल में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 30 फीसदी से अधिक मूल्यवर्धन हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा तीन कंपनियां जल्द ही दुनिया के लिए महत्वपूर्ण मोबाइल फोन कलपुर्जों का विनिर्माण करेंगी। वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स का विनिर्माण शुरू करने वाले हर देश ने सबसे पहले कंप्लीटली नॉक्ड-डाउन (सीकेडी) कंपोनेंट, सेमी नॉक्ड-डाउन (एसकेडी) लाने और उत्पाद को असेंबल करने का रास्ता अपनाया है। इसके अलावा, विभिन्न घटकों का उत्पादन सिस्टम के उत्पादन के बाद होता है।