NEET : 40 से 80% डिसेबिलिटी पर ही निशक्त माने जाएंगे छात्र

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कोटा। नीट में निशक्त कैटेगरी को लेकर स्थिति साफ की गई है। इस संबंध में नीट यूजी के सीनियर डायरेक्टर ने ऑफिशियल नोट जारी कर दिया है। एमसीआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी गाइडलाइन में विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता श्रेणियां दी गई हैं।

पहली श्रेणी लोकोमोटिव डिसेबिलिटी है। लोकोमोटिव डिसेबिलिटी 40 प्रतिशत से कम है तो विद्यार्थी मेडिकल कोर्स के लिए तो पात्र है, लेकिन दिव्यांग की श्रेणी में नहीं आएगा। लोकोमोटिव डिसेबिलिटी 40 से 80 प्रतिशत के बीच है, तो विद्यार्थी दिव्यांग श्रेणी में आवेदन कर सकता है। लोकोमोटिव डिसेबिलिटी 80% से ज्यादा है तो विद्यार्थी मेडिकल कोर्स के लिए पात्र ही नहीं होगा।

 अभी हो सकता है संशोधन
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल डॉ. संजय श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने मेडिकल यूजी कोर्स के लिए डिसेबिलिटी की अपर लिमिट से संबंधित एक संशोधन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को अनुमोदन के लिए भेजा था।

मंत्रालय का इस संशोधन के लिए यह आदेश था कि इस पर आम नागरिकों की राय ली जाए। आम नागरिकों की राय जानने की अंतिम तारीख 30 नवंबर थी। मंत्रालय द्वारा आम नागरिकों की राय पर निर्णय अभी बाकी है। और 7 दिसंबर 2019 नीट-2019 के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि है। अब अगर पब्लिक कमेंट्स के बाद कोई संशोधन होता है तो उसको समायोजित कर लिया जाएगा।