JEE एडवांस्ड पेपर विश्लेषण: गणित कठिन, फिजिक्स औसत, कैमेस्ट्री आसान रही

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बृजेश माहेश्वरी, पेपर विश्लेषक
कोटा। देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड परीक्षा सोमवार को राजस्थान के सात, देश के 155 व छह अन्य देशों में संपन्न हुई। परीक्षा दो चरणों में सुबह 9 से 12 व दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक हुई। उन्होने बताया कि एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से विशेष रूप से तैयार सी-सेट एप पर विद्यार्थियों की ओर से मिले फीडबैक के अनुसार जेईई एडवांस्ड 2019 का पेपर पिछले वर्षों की तुलना में कठिन था।

फिजिक्स व मैथेमेटिक्स ने विद्यार्थियों को परेशान किया जबकि कैमेस्ट्री का पेपर ओवरऑल आसान रहा। पेपर 2 पेपर 1 की तुलना में कठिन था। पेपर पैटर्न वर्ष 2018 की तरह रहा लेकिन, प्रश्नों को पूछने का तरीका अलग था। पेपर लैंदी होने से विद्यार्थियों को समय काफी लगा। जिस विद्यार्थी ने अलग-अलग डिफीकल्टी लेवल के पेपरों को सॉल्व करने का अभ्यास किया होगा, सालभर एडवांस तैयारी की होगी, उन विद्यार्थियों के लिए पेपर हल करना थोड़ा आसान हो सकता है।

विद्यार्थियों को उनके रिकॉर्डेड रेस्पोंस एवं प्रश्न पत्र 29 मई से 1 जून के मध्य भेज दिए जाएंगे। जेईई-एडवांस्ड की ऑफिशियल आंसर की 4 जून को घोषित की जाएगी एवं परिणाम 14 जून को जारी किए जाएंगे। आईआईटी एनआईटी की प्रवेश प्रक्रिया के लिए जोसा काउंसलिंग 20 जून से प्रारंभ होना संभावित है।

फिजिक्स
पेपर का स्तर काफी कठिन था एवं लैंदी भी रहा। प्रश्नों को काफी उलझाकर पूछा गया जिससे विद्यार्थियों को हल करने में काफी परेशानी हुई। मैकेनिक्स व मॉडर्न फिजिक्स टॉपिक्स से काफी प्रश्न पूछे गए।

कैमेस्ट्री
पेपर ओवरऑल आसान रहा। जिससे विद्यार्थियों को काफी राहत मिली। इन-ऑर्गेनिक में पी ब्लॉक से संबंधित प्रश्नों की संख्या ज्यादा रही। काफी प्रश्न कॉर्डिनेशन कैमेस्ट्री पर आधारित पर भी रहे। इसके अलावा बॉयोमोलीक्यूल व एसिडिक स्ट्रैन्थ से संबंधित प्रश्न भी काफी पूछे गए।

मैथेमेटिक्स
पेपर कठिन एवं लैंदी रहा। कैलकुलस पार्ट कम था जबकि मेट्रिक्स, डिटरमेन्ट व वेक्टर थ्री डी के प्रश्न ज्यादा पूछे गए। प्रश्नों में लम्बी कैलकुलेशन के कारण समय अधिक लगा। इसके चलते पेपर समय खपाने वाला रहा तथा कुछ प्रश्नों में बहुत एडवांस लेवल पर कैलकुलेशन पूछी गई।

ये रही मार्किंग स्कीम
पिछले वर्ष पेपर अधिकतम 360 अंकों का था जबकि इस वर्ष 372 अंकों का रहा। पेपर 1 और पेपर 2 अधिकतम 186-186 अंकों के रहे। इस बार मल्टीपल च्वाइस प्रश्नों में गलत उत्तर देने पर माइनस 1 अंक का प्रावधान किया गया। जोकि पिछले वर्ष माइनस 2 था।

पेपर-1
पेपर-1 में फिजिक्स, कैमेस्ट्री व मैथ्स के तीन भागों में विभाजित रहा। प्रत्येक भाग से कुल 18 प्रश्न पूछे गए अर्थात तीनों भाग मिलाकर कुल 54 प्रश्न पूछे गए। यह कुल 54 प्रश्न 186 अंकों के रहे। प्रत्येक भाग को भी तीन सेक्शन में बांटा गया। सेक्शन 1 में 4 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए, जो कि 12 अंकों के रहे। जिसमें सही विकल्प चुनने पर 3 अंक तथा गलत चुनने पर -1 अंक का प्रावधान रहा।

सेक्शन-2 में 32 अंकों के कुल 8 प्रश्न पूछे गए। ये मल्टीपल करेक्ट प्रश्न थे, जिनमें एक या एक से अधिक सही विकल्प भी थे। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का था। इन प्रश्नों की मार्किंग स्कीम बहुविकल्पी सही उत्तरों को चुनने पर $3, $2, $1 निर्देशानुसार थी। इसके गलत विकल्प की स्थिति में ऋणात्मक मूल्यांकन -1 अंक रहा। सेक्शन 3 में 18 अंकों के 6 प्रश्न पूछे गए। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक संख्यात्मक मान दो डेसीमल तक था। विद्यार्थियों द्वारा दर्ज किया गया संख्यात्मक मान सही होने पर उसे 3 अंक देने का रहा। प्रश्नों में ऋणात्मक मूल्यांकन नहीं था।

पेपर-2
पेपर-2 फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स के तीन भागों में विभाजित रहा। प्रत्येक भाग में कुल 18 प्रश्न थे यानी कुल पूछे गए 54 प्रश्नों का अंकभार 186 अंक रहा। प्रत्येक भाग को भी पेपर-1 की तरह तीन सेक्शन में बांटा गया। सेक्शन-1 में 32 अंकों के 8 प्रश्न पूछे गए, ये मल्टीपल करेक्ट प्रश्न थे, जिनमें एक या एक से अधिक सही विकल्प भी थे।

प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का था। इन प्रश्नों की मार्किंग स्कीम बहुविकल्पी सही उत्तरों को चुनने पर $3, $2, $1 निर्देशानुसार थी। इसके गलत विकल्प की स्थिति में ऋणात्मक मूल्यांकन -1 अंक रहा। सेक्शन 2 में कुल 6 प्रश्न 18 अंक के पूछे गए, प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक संख्यात्मक मान दो डेसीमल तक था।

विद्यार्थियों द्वारा दर्ज किया गया संख्यात्मक मान सही होने पर उसे 3 अंक देने का रहा। इन प्रश्नों में ऋणात्मक मूल्यांकन नहीं था। सेक्शन 3 में 2 लिस्ट मैच सेट्स (सुमेलन) रहे। एक सेट में 4 विकल्पों का बहुविकल्पी प्रश्न तथा दूसरे में 6 विकल्पों का मैच सेट पूछा गया। दोनों सेट के प्रश्नों में दिए गए विकल्पों में से केवल एक-एक मैच का उत्तर सही था। विद्यार्थियों द्वारा सही मैच को चुनने पर $3 अंक एवं गलत मैच चुनने पर ऋणात्मक मूल्यांकन -1 अंक था।