Cumin Arrival: उत्पादक मंडियों में जीरे की कीमतें घटने से किसानों ने माल रोका

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    नई दिल्ली । Cumin Arrival: हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में जीरे का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होना निश्चित है लेकिन आवक गत वर्ष की तुलना में कम हो रही है। क्योंकि जीरे की कीमतें दिन-प्रतिदिन घट रही हैं। जिस कारण से किसानों ने माल रोक लिया है।

    अधिक पैदावार के कारण मार्च माह के शुरू में गुजरात की मंडियों में जीरे की दैनिक आवक 1 लाख बोरी से अधिक की हो गई थी। प्रमुख मंडी ऊंझा में आवक 55/56 हजार बोरी की हो गई थी मगर लगातार गिरती कीमतों के कारण मंडियों में आवक घटनी शुरू हो गई।

    वर्तमान में गुजरात की मंडियों में आवक घटकर 50/55 हजार बोरी की रह गई है जबकि ऊंझा मंडी में आवक 32/35 हजार बोरी की रह गई है। गुजरात के अलावा राजस्थान में भी इस वर्ष जीरा उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक है लेकिन भाव नीचे आ जाने के कारण आवक गत वर्ष की तुलना में आधी है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अप्रैल माह के शुरू में मेड़ता एवं नागौर मंडी में जीरे की आवक 8/10 हजार बोरी की हो रही थी जोकि वर्तमान में 4000/5000 बोरी की हो रही है।

    गत वर्ष कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण उत्पादक केन्द्रों पर जीरे की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की गई थी बिजाई के पश्चात मौसम भी फसल के अनुकूल रहा। जिस कारण इस वर्ष उत्पादन 1 करोड़ बोरी से अधिक होने के समाचार है जबकि गत वर्ष उत्पादन 55/60 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) का रहा था।

    गत वर्ष पैदावर कम होने के कारण नए मालों की आवक के समय ही कीमतों में तेजी बननी शुरू हो गई थी और अप्रैल – 2023 के शुरू में ऊंझा मंडी में जीरे की कीमतें क्वालिटीनुसार 340/400 रुपए प्रति किलो बोली जा रही थी जो निर्यात की मांग एवं कमजोर उत्पादन के कारण जुलाई माह में बढ़कर 625/630 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर बोली जाने लगी थी। जिस कारण से आयातकों ने चीन से जीरे का आयात शुरू कर दिया जिस कारण से बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगा और कुछ समय से भाव सीमित दायरे में बने रहे।

    मगर उत्पादक केन्द्रों पर अधिक बिजाई के समाचारों से नवम्बर-दिसम्बर माह से कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया जोकि अभी तक थमा नहीं है। वर्तमान में ऊंझा मंडी जीरे का भाव घटकर 210/290 रुपए के स्तर पर आ गया है लेकिन इन भावों पर उठाव नहीं है क्योंकि अभी भी धारणा बाजार में मंदे की बनी हुई है।

    गत सीजन में कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण जीरा निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर 2023 के दौरान जीरा निर्यात 106905.4 टन का हुआ जबकि अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान निर्यात 146089.95 टन का किया गया था। हालांकि भाव घटने के कारण जनवरी 2024 में निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई और निर्यात 14094 टन रहा जबकि जनवरी 2023 में निर्यात 9325 टन का रहा था।