CNG-PNG नेटवर्क के विस्तार से लाइन में लगने से मिलेगा छुटकारा

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नई दिल्ली। सरकार देश की एनर्जी की जरूरतों के मद्देनजर तेजी से काम कर रही है। केंद्र सरकार देश के हर एक घर तक एलपीजी गैस सिलेंडर पहुंचाने के बाद अब उसकी फिलिंग के लिए काम करने जा रही है। साथ ही ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सीएनजी की उपलब्धता को बढ़ाएगी, जिससे वाहनों में सीएनजी गैस भरवाने के लिए लंबी लाइनें न लगानी पड़ें और खाना बनाने के लिए घंटों लंबी लाइनों में न लगना पड़े।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार साल 2030 तक देश के 300 जिलों में बड़े पैमाने पर सीएनजी गैस फिलिंग स्टेशन और कूकिंग गैस की सप्लाई पाइपलाइन का विस्तार करेगी। इसके लिए सरकार की आने वाले 10 सालों में 1.2 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में रिटेल सीएनजी और पाइप गैस के लाइसेंस जारी किए। इससे सिटी गैस नेटवर्क की पहुंच देश की 70 प्रतिशत आबादी तक हो गई है। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले देश में 34 सिटी गैस नेटवर्क था, जो अब बढ़कर 228 हो गई है। सिटी गैस का दायरा 406 जिलों तक फैल चुका है।

पिछले 5 साल में तेजी से बढ़ी सीएनजी और पीएनजी की संख्या
धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक पिछले पांच सालों में सीएनजी फिलिंग स्टेशन की संख्या 938 से बढ़कर 1769 हो गई है, जो कि साल 2030 तक बढ़कर 10 हजार तक हो जाएगी। ऐसे में सीएनजी से चलने वाले वाहनों की संख्या 2 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है, जो अभी 34 लाख है। वहीं कुकिंग गैस पाइपलाइन की संख्या दोगुनी बढ़कर 52 लाख हो गई और साल 2030 तक यह 5 करोड़ रुपए हो सकती है।