कोटा। जिले में शुक्रवार को हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि किसानों पर कहर बनकर टूटी है। सबसे ज्यादा नुकसान कनवास तहसील के गांवों में हुआ है, जहां कुछ गांव तो ऐसे हैं, जहां कुछ भी नहीं बचा। दूसरे दिन अधिकारी दौरा करने पहुंचे, तब तक भी यहां बर्फ की चादर जमी थी और खेतों में पानी भरा था। वहीं, लाडपुरा व रामगंज मंडी के भी कई गांवों में नुकसान हुआ है।
जिला प्रशासन को नुकसान के प्रारंभिक आंकलन की रिपोर्ट मिल गई है, जो राज्य सरकार को भिजवाई जा रही है। सरकार के निर्देश पर आगे गिरदावरी संबंधी प्रक्रिया होगी। कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने बताया कि ज्यादातर उपखंड अधिकारियों से रिपोर्ट मिल गई है, इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कनवास उपखंड क्षेत्र में हुआ है।
गेहूं, चना, लहसुन और धनिया की फसल में खराबा हुआ है। कनवास उपखंड अधिकारी राजेश डागा ने बताया कि क्षेत्र में एक पूरी बैल्ट पर यह कहर बरपा है। आज हमारी पूरी टीम और मैं दिनभर गांवों में रहे और सारी स्थिति का जायजा लिया। रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है। किसान फसल खराबे के मुआवजे के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकेंगे।
खजूरना पंचायत में 80 प्रतिशत नुकसान
खजूरना पंचायत के खजूरना, उरना, कोटबावड़ी, मोहनपुरा, मंगलपुरा, जांगलिया हेड़ी गांवों में गेहूं, लहसुन, चना, धनिया में 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। देवली पंचायत के राजपुरा, आल्याहेड़ी में 25 प्रतिशत करीब नुकसान है। लेकिन राजपुरा में खास एरिया में मल बावड़ी के हनुमानजी से खंडगांव तक में 80 प्रतिशत तक नुकसान है। पिसाहेड़ा में 30 प्रतिशत और अरुनदी से मालबावड़ी हनुमानजी के एरिया में 70 प्रतिशत नुकसान है। ग्राम पंचायत बालूहेड़ा के ग्राम बालूहेड़ा, गरमोड़ी, कचोलिया, पालाहेड़ा, खंडगांव में करीब 25 प्रतिशत नुकसान हुआ है।