गुटखा पान मसाला समूह के यहां छापे में 1500 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली

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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने गुटखा और पान मसाला बनाने के अलावा आतिथ्य कारोबार में शामिल मुंबई के एक समूह के यहां छापा मार कर लगभग 1,500 करोड़ रुपये के अघोषित लेनदेन और कर छूट वाले एक देश में संपत्ति का पता लगाया है। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को दी। हालांकि सीबीडीटी के आधिकारिक बयान में समूह की पहचान उजागर नहीं की गई है, लेकिन आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार यह जेएम जोशी द्वारा प्रवर्तित जेएमजे समूह है।

एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेएम जोशी के अभिनेता-कारोबारी पुत्र सचिन जोशी को मुंबई के एक रियल्टी समूह से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है, जिन्हें 18 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीडीटी ने बताया कि समूह के खिलाफ छह दिनों तक कई शहरों में चली छापेमारी 13 फरवरी को पूरी हुई।

उसके अनुसार, छापेमारी में अब तक लगभग 1,500 करोड़ रुपये के अघोषित लेनदेन का पता चला है। इसके साथ ही नकद 13 लाख रुपये जब्त किए गए। सात करोड़ रुपये के बरामद आभूषणों को निषेधाज्ञा के तहत रखा गया है। बोर्ड ने बताया है कि इस अभियान में ब्रिटिश वíजन आइलैंड में पंजीकृत एक कंपनी की विदेशी संपत्तियों का भी पता लगा। कंपनी का एक दफ्तर दुबई में भी है, जिसका प्रबंधन समूह का चेयरमैन करता है।

ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित कंपनी का नेट वर्थ 830 करोड़ रुपये है और आरोप है कि यह भारत से फंड की हेराफेरी कर बनाई गई है। इस राशि में से 638 करोड़ रुपये समूह की फ्लैगशिप कंपनियों के शेयर प्रीमियम के जरिये भारत लाए गए। सीबीडीटी ने बताया है कि विभिन्न डिजिटल सबूतों और फोरेंसिक विश्लेषणों से स्थापित हुआ है कि कंपनी का नियंत्रण और प्रबंधन छापे के घेरे में आए समूह के प्रमोटरों के हाथों में है।

यही नहीं एक ऐसे कर्मी की पहचान की गई है, जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड की कंपनी का शेयरधारक भी है और उसका आमना-सामना प्रमोटर से कराया गया है। यह भी सामने आया है कि कर्मियों को शेयरधारक होने की जानकारी नहीं है और वे मुख्य प्रमोटर के निर्देश पर कागजात पर दस्तखत करते रहे हैं। समूह ने 398 करोड़ रुपये की फर्जी छूट भी हासिल की। समूह की दो फैक्टि्रयों में 247 करोड़ रुपये के पान मसाला का बेहिसाबी उत्पादन किया।