किसानों के चक्का जाम टांय टांय फिस, नहीं मिला जन समर्थन

0
459

नई दिल्‍ली। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक के राष्ट्रव्यापी चक्का-जाम की अपील का आंशिक असर रहा। पंजाब व हरियाणा में इसकी वजह से लोगों को परेशानी पेश आई। राजस्थान में कांग्रेस के विधायकों और नेताओं ने खुद सड़क पर उतर कर चक्का जाम कराया। देश के अन्य हिस्सों में इसे जन समर्थन नहीं मिला। राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को चक्का जाम से बाहर रखा गया था, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में एहतियातन कड़े इंतजाम किए गए थे।

इस बीच भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सरकार के बातचीत करने को तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार समझ जाए, हम बातचीत को तैयार हैं। मगर, बातचीत किसी दबाव में नहीं होगी। तीनों कृषि कानून वापस हों और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाया जाए, तभी घर वापसी होगी। अन्यथा दो अक्टूबर तक विरोध जारी रहेगा।

दिल्‍ली में बाधित रहीं मेट्रो सेवाएं
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुए उपद्रव और हिंसा से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस बेहद सतर्क थी। लाल किले पर अभेद्य पर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कड़े इंतजाम के कारण राजधानी में यातायात पर असर पड़ा और लोगों को बेहद परेशानी हुई। मेट्रो सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि दोपहर 3:54 बजे सभी स्टेशन खोल दिए गए और मेट्रो का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो गया।

दिल्‍ली में ड्रोन से निगरानी
राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में पुलिस के साथ बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी गई। आइटीओ के नजदीक शहीदी पार्क पर चक्का जाम के उद्देश्य से जैसे ही प्रदर्शनकारी पहुंचे पुलिस ने करीब 50 लोगों को हिरासत में ले लिया। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर पर कृषि कानून विरोधी किसान संगठनों ने प्रदर्शन किए, लेकिन किसी को राजधानी में घुसने की इजाजत नहीं थी।

इंटरनेट सेवाएं रहीं निलंबित
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बार्डर पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं। इन धरना स्थलों और उनके आस-पास के क्षेत्रों में 29 जनवरी को 11 बजे से इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का आदेश दिया गया था। बाद में इसे दो फरवरी तक बढ़ा दिया गया था। मालूम हो कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की सूचना मिलने पर दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थीं।

भिंडरावाले की तस्वीर वाले झंडे
पंजाब में किसान संगठनों ने 70 से ज्यादा स्थानों पर तीन घंटे के लिए नेशनल व स्टेट हाईवे पर चक्का जाम किया। इस दौरान शांति बनी रही, लेकिन लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कई जगहों पर लोगों को पैदल चलना पड़ा। जालंधर में धरने के दौरान गाडि़यों में जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर वाले झंडे भी दिखाई दिए। कई जगह कांग्रेस के विधायक धरनों में पहुंचे और भाजपा के विरोध में पर्चे बांटे गए।

तीन सौ जगहों पर धरना
हरियाणा में लगभग तीन सौ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर धरना दिया। हालांकि जाम का प्रभाव मध्य हरियाणा में ही अधिक रहा। कुंडली बार्डर पर सुबह से जाम था। केएमपी-केजीपी एक्सप्रेस-वे पर भी ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहन लगाकर जाम किया गया। पलवल में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही नजर आए।

राजस्‍थान में कांग्रेसियों ने निकाली रैली
राजस्थान में कांग्रेस के विधायक और पदाधिकारी स्वयं सड़क पर उतरे। कई जगहों पर शाम चार बजे बाद भी कांग्रेसी हाईवे पर बैठे रहे। कोटा में कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। महिलाएं भी चक्का जाम में शामिल हुईं। हिमाचल के शिमला, मंडी, ऊना में कांग्रेस व माकपा के नेताओं ने प्रदर्शन किया। शिमला में विक्ट्री टनल पर कुछ देर के लिए चक्का जाम किया।

बाकी राज्‍यों में मामूली असर
जम्मू में दो जगह प्रदर्शन हुए, जबकि कठुआ जिले के हीरानगर में कुछ किसान संगठनों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे के किनारे प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में बहुत ही मामूली असर दिखा। मुंबई में कई किसान संगठनों और कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। कराड़ में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की पत्नी समेत 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।