स्क्रैपिंग पॉलिसी: पुराने प्रदूषण वाले वाहनों को कबाड़ में बेचने पर मिलेगा इंसेंटिव

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    नई दिल्ली। पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में बेचने पर इंसेंटिव दिया जाएगा। सरकार जल्द ही इसकी घोषणा करने जा रही है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमाने ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह इंसेंटिव प्रस्तावित वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का हिस्सा होगा। इंसेंटिव के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को पुराने वाहनों को स्क्रैप में देने के लिए प्रोत्साहित होंगे किया जाएगा।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को आम बजट में वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की थी। पुराने और अनफिट वाहनों को सड़क से हटाने के लिए इस स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने कहा था कि इस कदम से तेल की कम खपत करने वाले और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही वाहन प्रदूषण और तेल आयात बिल को कम करने में मदद मिलेगी।

    वित्त मंत्री ने कहा था कि यह वॉलेंटरी स्क्रैपिंग व्हीकल पॉलिसी 20 साल से ज्यादा पुराने पर्सनल व्हीकल और 15 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल व्हीकल पर लागू होगी। व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत वाहनों को ऑटोमेटिड फिटनेस टेस्ट करानी होगी। अरमाने ने कहा कि बेहतर फिटनेस के लिए यह पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक होगी। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए फिटनेस प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप नहीं होगा।

    अरमाने ने कहा कि इंसेंटिव का स्ट्रक्चर बनाने की प्रक्रिया जारी है। हम सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे। हालांकि, राज्य सरकारों ने पुराने वाहनों के मालिकों को हतोत्साहित करने वाले उपायों की घोषणा की है। इसको ग्रीन टैक्स नाम दिया गया है। कई राज्यों ने पहले ही टैक्स लगा दिया है। लेकिन इसे अप्रभावी तरीके से लागू किया गया है।

    प्रस्तावित व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी से ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्पादन और क्षमता इस्तेमाल में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पुराने वाहन ना केवल प्रदूषण बढ़ाते हैं बल्कि वाहन मालिक को रखरखाव और तेल पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी पर पांच साल से विचार चल रहा है। सरकार की कमाई घटने की चिंता के कारण यह कई स्तर पर अटक रही थी।

    अरमाने ने कहा कि इस पॉलिसी में प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर स्क्रैपिंग सेंटर बनाना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राज्य सरकारें और प्राइवेट पार्टनर स्क्रैपिंग सेंटर बनाने में मदद और सुविधा उपलब्ध कराएंगे। सरकार की भूमिका केवल सुविधाएं उपलब्ध कराने में रहेगी। स्क्रैपिंग सेंटर की रेग्युलेटिंग, कंट्रोलिंग में सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी। शिपिंग सेक्टर में पहले से ही काफी डेवलप स्क्रैपिंग सेंटर हैं। हमारी योजना ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग को शिपिंग और अन्य सेक्टर्स के साथ जोड़ने की है।