नई दिल्ली। टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दिए एक मनगढंत हलफनामे में कहा- जांच अब महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है। अगर रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी, ARG आउटलेटर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य अभियुक्तों के बीच कोई साठगांठ पाई गई तो ‘आपराधिक दोष के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।’
मुंबई पुलिस ने हलफनामे में आगे कहा- ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने टीवी चैनलों के संबंध में संदिग्ध गतिविधि की पुष्टि की है जिसमें याचिकाकर्ता नंबर 2 (अर्नब गोस्वामी) एक निर्देशक है। अभी तक की जांच से पहली नजर में रेटिंग्स में हेरफेर के लिए दूसरों के साथ बार्क अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत मिलते है। BARC टीवी चैनलों की दर्शकों की संख्या को मापता है। इसके अलावा पुलिस ने अर्नब और रिपब्लिक टीवी चैनलों को चलाने वाली कंपनी ARG आउटलेटर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को खारिज करने की मांग की जिसमें जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई।
यहां पाठकों को हम बता दें कि TRP स्केम के मामले में पुलिस में दर्ज एफआईआर में सिर्फ इंडिया टुडे और आज तक का नाम था, लेकिन मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने जान बुझ कर अर्णब गोस्वामी को जेल में डालने के लिए झूठी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में हलफनामा दिया है। जिनका FIR में नाम था, उनको क्लीन चिट दे दी गई। क्योंकि यह चैनल मुंबई पुलिस की जी हुजूरी करता रहता है। इधर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ARG को निर्देश दिया कि वह कोर्ट में दायर टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले से जुड़ी अपनी याचिका से संबंधित लिखित दलीलें रखने संबंधी कागजी प्रक्रिया को नौ फरवरी तक पूरी कर ले।
जस्टिस एस. एस. शिंदे और मनीष पिटाले की पीठ ने सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के इस बयान को भी स्वीकार कर लिया कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 12 फरवरी तक पुलिस रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और एआरजी आउटलायर मीडिया के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेगी।
गौरतलब है कि एआरजी ने अपने कई निवेदनों के साथ पिछले साल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें उसने अदालत से अनुरोध किया था कि पुलिस को उनके कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से रोका जाए। याचिकाओं में अदालत से इस बीच, मामले में आगे की जांच और पुलिस को याचिकाकर्ताओं, उनके कर्मचारियों या निवेशकों के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोकने का आग्रह किया गया है। उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में हेराफेरी करने के बारे में हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने कथित घोटाले की जांच शुरू की।