भारतीय टीके ‘कोवैक्स’ का परीक्षण अंतिम चरण में

0
490

नई दिल्ली। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और दिल्ली सरकार के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में स्वदेशी कोरोना के टीके ‘कोवैक्स’ (kovacs-trial) का परीक्षण अब अंतिम चरण में है। तीसरे चरण की दूसरी खुराक देने के बाद भी कई महीने तक निगरानी रखी जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली एम्स और जीटीबी अस्पताल में भारत बायोटेक कंपनी के ‘कोवैक्स’ का परीक्षण अंतिम चरण में चल रहा है। इसके लिए पंजीकृत स्वयंसेवकों में से ज्यादातर स्वयंसवकों को टीके के अंतिम चरण की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसके 28 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। इस परीक्षण में लगे डॉक्टरों का कहना है कि कुछ दिन के बाद यानी इस माह के आखिर में दूसरी खुराक का टीकाकरण शुरू होगा।

एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ संजय राय का कहना है कि अखिरी चरण के तहत टीके पर काम चल रहा है। इसके लिए पंजीकृत अधिकतर लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है। कुछ लेग अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि अभी तक स्वंयसेवकों में किसी तरह के नुकसान का पता नहीं चला है। सभी को खुराक मिलने के बाद इसके नतीजों का आकलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक ने इसके आपातकालीन इस्तेमाल के लिए जरूरी मंजूरी लेने की प्रकिया शुरू कर दी है।

कोवैक्सीन पर अंतिम चरण का परीक्षण ऐसे ही चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके नतीजों का कुछ समय के अंतराल पर मुआयना जारी रहेगा व उसका विश्लेषण भी 100 दिन पूरे होने तक जारी रहेगा।

एम्स व दिल्ली के जीटीबी अस्पताल अलावा देश के 10 राज्यों के 25 अस्पतालों में स्वदेशी टीका का परीक्षण अंतिम चरण में है। इसके तहत दिल्ली में करीब तीन हजार लोगों को टीका दिया जाना है। जबकि सभी केंद्र को मिलाकर करीब 28 हजार लोगों को परीक्षण में शामिल किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार आधे लोगों को टीके की खुराक दी जा रही है जबकि बाकी आधे लोगों को टीके की ही तरह दिखाई देने वाले सामान्य तरल पदार्थ को इजेक्शन के जरिए दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में लगा कोई नहीं जानता किसको टीका मिला है किसको नहीं।

ताकि अध्ययन के दौरान दोनों तरह के समूह के बीच गोपनीय तरीके से तुलना की जा सके। स्वदेशी टीके के परीक्षण में अब तक के परिणाम उत्साहजनक बताए जा रहे हैं। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के साथ मिलकर कोरोना का पहला स्वदेशी टीका को-वैक्सीन नाम से तैयार किया है।