जीएसटी स्लेब कम करने और नियमों के सरलीकरण की अपील: अशोक माहेश्वरी

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जीएसटी स्थापना दिवस पर संगोष्ठी में उद्यमी, व्यापारी और सीए ने रखे अपने सुझाव

कोटा। जीएसटी के 7 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को वाणिज्यिक कर विभाग मुकुन्दरा विहार में संयुक्त आयुक्त अनुपम शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में उद्यमी, व्यापारी और सीए ने अपने सुझाव दिए।

संगोष्ठी में कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि जीएसटी विभाग द्वारा हॉस्टल व्यवसाय मे ₹20 हजार तक के किराए पर जीएसटी नहीं लिए जाने का निर्णय स्वागत योग्य है। हम दो तीन वर्षों से इस मसले पर कई बार विभाग के साथ वार्ता कर चुके थे। अब इससे हॉस्टल व्यवसाय में जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, वह पूरी तरह से साफ हुई है। साथ ही कोरोना काल के पहले व्यापारी उद्यमियों में जीएसटी के बारे में कई भ्रांतियां थीं लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा सामंजस्य बिठाकर धीरे-धीरे सभी भ्रांतियां को दूर किया गया।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि जीएसटी स्लेब कम किये जाने चाहिए। साथ इसके नियमों में सरलीकरण होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि व्यापार जगत एवं विभाग में सामंजस्य को ओर अधिक बेहतर बनाया जाए तथा समस्याओं का सकारात्मक समाधान किया जाए।

दी एस.एस.आई एसोसियेशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने कहा कि कि ई-इनवॉइस जारी करने वालों को ई-वे बिल की अनिवार्यता समाप्त हो। कर विवरणियों की संख्या कम की जावे एवं इन्हें मासिक आधार पर किया जाए। कर की दरों का एक समान किया जाए। रिवाइज रिटर्न का प्रावधान एवं बिना उपयोग में ली गई आई.टी.सी. के लिए नवीन प्रावधान लाये जायें।

एसोसियेशन के अध्यक्ष मनीष माहेश्वरी ने सुझाव दिये कि गलती से दो ई-वे बिल जारी होने पर जारी नोटिसों का उचित समाधान निकाला जाए। गलतियों के सुधार के लिए प्रक्रिया निर्मित की जाए। एसोसियेशन के सचिव अनुज माहेश्वरी ने सुझाव दिये कि विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही उचित समय सीमा में की जाए।

कोटा मोटर व्हीकल डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अनिल मूंदड़ा ने जीएसटी सरलीकरण की बात कही। टैक्स बार एसोसियेशन कोटा के अध्यक्ष रिषभ मित्तल ने सुझाव दिये कि माल के खरीद के भुगतान की समय सीमा 180 दिवस को व्यवहारिक बनाया जाए तथा नवीन पंजीयन के लिए वर्तमान में जारी केन्द्रीयकृत व्यवस्था को समाप्त किया जाए।

सीए लोकेश माहेश्वरी ने सुझाव दिये कि दोनों पक्षों के अनुबन्ध की स्थिति में माल के खरीद के भुगतान की समय सीमा 180 दिवस के प्रावधान को लागू नहीं किया जाए। टैक्स एडवोकेट एवं टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार विजय ने आर.सी.एम को समाप्त करने की अपील की।

संगोष्ठी में संयुक्त आयुक्त मोजीराम मीना, रतीश कुमार जैन, उपायुक्त विनोद कुमार बेनीवाल, संतोषी मीना, सहायक आयुक्त दिनेश कुमार जैन, भरत सिंह हाडा, उमंग नन्दवाना, अंशु गौतम्, अनिता सोनी, विजय कुमार मालव, प्रदीप कालावत, प्रदीप कुमार सेन, कल्पना बंसल ने अपने विचार प्रकट किये।