नई दिल्ली। गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (GST) रजिस्टर्ड कारोबारियों को रिटर्न दाखिल करने में आसानी होने वाली है। जीएसटी नेटवर्क जल्द ही रजिस्टर्ड कारोबारियों को पहले से भरा हुआ रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3बी उपलब्ध कराएगा। जीएसटी नेटवर्क के सीईओ प्रकाश कुमार ने सोमवार को कहा कि हम करदाताओं को टैक्स का भुगतान आसान करने के लिए पहले से भरे हुए रिटर्न फॉर्म उपलब्ध कराने जा रहे हैं। इस फॉर्म में एडिट का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि कारोबारी सुधार कर सकें।
जीएसटीआर-1 में दी जा रही है टैक्स की जानकारी
जीएसटी नेटवर्क जीएसटी के आईटी परिचालन को संभालता है। जीएसटीएन की ओर से अभी रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-1 में बिक्री के आधार पर टैक्स देनदारी की जानकारी दी जा रही है। करदाता टैक्स चुकाते समय जीएसटीआर-3बी फॉर्म के साथ जीएसटीआर-1 का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा करदाताओं को ऑटो जनरेटेड इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रकाश का कहना है कि इस सुविधा से करदाता यह जान सकता है कि उसके पास महीने में कितना आईटीसी उपलब्ध है।
दो महीने बाद जीएसटीआर-3बी के साथ मिलेंगी दोनों जानकारी
प्रकाश ने कहा कि अभी टैक्स देनदारी और आईटीसी की जानकारी करदाताओं को अलग-अलग उपलब्ध कराई जा रही है। दो महीने बाद यह डाटा रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3बी में दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि यह जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी को साथ लाने की दिशा में पहला कदम है। प्रकाश ने कहा कि इस कदम से कारोबारियों को जीएसटीआर-1 की जानकारी जीएसटीआर-3बी में कॉपी-पेस्ट करने से मुक्ति मिलेगी।
जीएसटीएन में 1.26 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड करदाता
मौजूदा समय में जीएसटीएन में 1.26 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड करदाता हैं। इसमें से 1.07 करोड़ करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी की आवश्यकता होती है। 1.07 करोड़ करदाताओं में से 58 लाख जीएसटीआर-1 फॉर्म हर महीने दाखिल करते हैं। जबकि शेष तिमाही आधार पर दाखिल करते हैं।