कोटा में संभागीय आयुक्त कार्यालय पर किसानों का अर्द्धनग्न प्रदर्शन

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बिजली बिलों में पेनल्टी लगाकर किसानों की कमर तोड़ रही सरकार
भारतीय किसान संघ ने दिया धरना, नारेबाजी कर राज्य सरकार को कोसा

कोटा। भारतीय किसान संघ की ओर से मंगलवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय पर अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया गया। हाड़ौती के चारों जिलों कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ से पांच पांच कार्यकर्ताओं को ही प्रदर्शन में शामिल किया गया था। किसानों ने संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार को कोसा। इसके बाद दिनभर गेट के सामने बैठकर धरना भी दिया।

सहकारिता प्रमुख शिवराज पुरी ने कहा कि खरीफ के मौसम में भी किसान बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, टिड्डी हमले, पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। इस दौरान ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, कम विद्युत उपभोग को आधार बनाकर गलत विजिलेंस कार्यवाही, डेमों में पर्याप्त पानी के बावजूद सिंचाई के लिए पानी नहीं देने, समर्थन मूल्य पर खरीद में औपचारिकता किए जाने के कारण किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। ऐसे में, विद्युत विभाग द्वारा बिजली बिलों में दी जाने वाली 833 रूप्ए की अनुदान राशि रोककर और बिलों में पेनल्टी शुरू कर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है।

संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि तहसील से लेकर संभागीय मुख्यालय तक सभी को किसानों की 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अवगत करा दिया गया है। अब केवल प्रदेश सचिवालय, विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास ही बचा है। यदि किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दूध, फल, सब्जी और कृषि जिन्सों की बिक्री को ठप कर दिया जाएगा। उन्होंने राहुल गांधी को भी 13 दिन में किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी नहीं करने पर मुख्यमंत्री बदल देने के वादे की याद दिलाई।

कोटा जिलाध्यक्ष गिरीराज चैधरी, बूंदी जिलाध्यक्ष मोहनलाल नागर, झालावाड जिलाध्यक्ष रघुनाथ सिंह, उपाध्यक्ष देवीशंकर गूर्जर ने संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी में जल्दी खराब होने वाली सब्जियां, फल, फूलों की फसलों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। कृषि जिन्सों के भावों में आई गिरावट से किसानों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है। जिससे किसान कृषि के विद्युत बिल जमा कराने में असमर्थ हो गया है। लेकिन बिलों में भारी भरकम राशि जोड़कर किसानों को परेशान किया जा रहा है।

कोरोना काल में उद्योगों को लेकर सरकारें रियायत दे रही हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं पर कान नहीं दे रही है। प्रदर्शन में प्रदेश सहकारिता प्रमुख शिवराज पुरी, संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता, कोटा जिलाध्यक्ष गिरीराज चौधरी, बूंदी जिलाध्यक्ष मोहनलाल नागर, झालावाड जिलाध्यक्ष रघुनाथ सिंह, उपाध्यक्ष देवीशंकर गूर्जर, जिला मंत्री राधेश्याम गुर्जर, कोषाध्यक्ष हेमराज नागर, नन्दलाल गौड़, द्वारकीलाल समेत कईं कार्यकर्ता मौजूद रहे।