राजस्थान में सियासी संकट के बीच आज सबकी नज़रें हाईकोर्ट के फैसले पर

0
529

जयपुर। राजस्थान में सियासी संकट के बीच राजस्थान भाजपा की हाईकोर्ट के शुक्रवार को आने वाले फैसले पर नजर है। राजस्थान भाजपा के नेताओं का मानना है कि हाईकोर्ट का फैसला विधानसभा सदस्य की अयोग्यता के विषय में अहम मुददा तय करेगा। राजस्थान के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विधानसभा सदस्य के रूप में एक विधायक की भूमिका विधानसभा में अलग होती है और जनप्रतिनिधि के रूप मेंं अलग होती है। इसमें मौलिक अंतर होता है।

विधानसभा के बाहर दल की बैठक में नहीं जाना सदस्य की अयोग्यता का कारण हो सकता है या नहीं, यह अपने आप में बहुत अहम मुददा है, क्योंकि यदि इसे अयोग्यता मान लिया जाता तो भविष्य में किसी विधायक से पार्टी अध्यक्ष के नाराज होने पर उसे कैसा भी नोटिस दे कर अयोग्य ठहरा देने की स्थितियां पैदा हो सकती है। ऐसे में हाईकोर्ट एक अहम मुददा तय करेगा और उसका फैसला नजीर बनेगा। वहीं पार्टी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस मुददे पर विस्तृत व्याख्या की आवश्यकता है। ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला बहुत अहम है।

गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा कांग्रेस के बागी 19 विधायकों को दिए गए नोटिस के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को फैसला आना है। इस मामले में कोर्ट अपनी सुनवाई 21 जुलाई को पूरी कर चुका है। कोर्ट ने 24 जुलाई को फैसला सुनाने की बात कही थी। ऐसे में सबकी नजर कोर्ट के इस फैसले पर लगी हुई है।

सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान की जनता की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो ठीक है, तभी वह कोरोना का मुकाबला कर रही है, लेकिन कांग्रेस की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। कांग्रेस को लोकतंत्र तब याद आता है, जब इसकी सरकारें संकट में आती है, लेकिन खुद कांग्रेस पार्टी इतिहास में कितनी चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ कर चुकी है, यह उसे याद नहीं रहता।

भाजपा अभी वेट एंड वाॅच की भूमिका में- राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम में राजस्थान भाजपा वेट एंड वाॅच की भूमिका में है। पार्टी के नेता बैठकें तो कर रहे है, लेकिन सबको कोर्ट के फैसले और विधानसभा सत्र का ही इंतजार है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जब तक कोर्ट का फैसला और विधानसभा सत्र की बात स्पष्ट नहीं होती, तब तक सब कुछ अनिश्चित है।
पार्टी इस मामले में आलाकमान के निर्देशों पर भी निर्भर है।

वहां से मिले निर्देशों के बाद ही पार्टी आगे बढेगी। विधायक दल की बैठक के बारे में भी अभी कुछ तय नहीं है। पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि हम विधायकों से सम्पर्क में हैं और जब जरूरत महसूस होगी तो विधायक दल की बैठक कर ली जाएगी। हालांकि उनका मानना है कि जब मामला उच्चतम न्यायालय तक चला गया है तो इस बीच सत्र को लेकर किसी तरह की गतिविधि नहीं होगी।