जयपुर। राजस्थान में सत्ता के दांव-पेंच लगातार बदल रहे हैं। इसी बीच स्पीकर के नोटिस के खिलाफ बागी विधायक राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंच गए। सचिन पायलट की तरफ से उच्च न्यायालय में पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि सदन से बाहर के मामले में विधानसभा अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ये अवैध है।
इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि सुनवाई शुरू होने के कुछ देर बाद ही राजस्थान उच्च न्यायालय ने इसे टाल दिया। अब इस मामले पर कल सुनवाई होगी। दरअसल, याचिकार्ताओं ने अदालत से और समय मांगा। साथ ही याचिका में सुधार करने के लिए भी वक्त मांगा। जिसके बाद अदालत ने इसपर सुनवाई टाल दी।
प्रियंका गांंधी हुईं सक्रिय
इससे पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी मतभेद को कम कम करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय हो गई थीं। प्रियंका गांधी ने केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल से सचिन पायलट से बात करने को कहा है और पार्टी में वापस आने को कहा था। दूसरी ओर अशोक गहलोत अब भी सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
कपिल सिब्बल बोले- घर वापसी का क्या
कपिल सिब्बल ने राजस्थान मामले में ट्वीट कर कहा, ‘छवि खराब करने के लिए गलत अफवाह फैलाई जा रही है। फिर सचिन पायलट ने कहा कि वो भाजपा में शामिल नहीं होंगे। मुझे लगता है कि मानेसर में रुके विधायक हरियाणा की भाजपा सरकार की नजरों में छुट्टियां मना रहे हैं। लेकिन घर वापसी का क्या?’
कांग्रेस में दिख रहा है विभाजन
राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि उनके लिए मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाने के बाद राज्य कांग्रेस में स्पष्ट विभाजन दिखाई दे रहा है। वहीं स्पीकर के नोटिस के खिलाफ बागी विधायक अदालत का रुख कर सकते हैं। फिलहाल नोटिस को लेकर कानूनी सलाह ली जा रही है।
सरकार का भविष्य जो भी हो लेकिन पार्टी नेताओं का मानना है कि यह काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है। फिलहाल कांग्रेस कैंप इस बात से संतुष्ट है कि गहलोत बागियों को लेकर अपने मध्यप्रदेश और कर्नाटक के समकक्षों से बेहतर जानकारी रखते हैं। कुछ का मानना है कि उन्होंने पिछले महीने इसे लेकर जो चेतावनी दी थी वह सही थी।