BS-4 वाहनों की लॉकडाउन में बिक्री की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट लॉकडाउन के दौरान हुई बीएस-4 वाहनों की बिक्री की समीक्षा कर जांचेगा कि इसमें लेनदेन वाजिब था या नहीं। शीर्ष कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि जब लॉकडाउन में सब बंद था तो वाहनों की बिक्री कैसे हुई? कहीं यह पिछली तारीख की बिक्री तो नहीं?

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू था, ऐसे में इस दौरान बीएस-4 वाहनों की बिक्री कैसे हुई। इसी वजह से शीर्ष कोर्ट ने बुधवार को अपने 27 मार्च के उस आदेश को वापस ले लिया था जिसमें लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिनों तक बचे हुए बीएस-4 वाहनों को बिक्री की अनुमति दी गई थी।

जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा, दो रास्ते नहीं हो सकते कि लॉकडाउन के दौरान भी गाड़ी बेची जाए और लॉकडाउन खत्म होने के 10 दिन का ग्रेस पीरियड भी मिले। ये अदालत के आदेश की भावनाओं के खिलाफ होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जिन वाहनों के लिए रकम ले ली गई है लेकिन उन्हें बेचा न गया हो तो वह वाहन डीलर का माना जाएगा और खरीददार के पैसे वापस करने होेंगे। पीठ ने कहा, हमने लॉकडाउन को देखते हुए 31 मार्च के बाद बिक्री की इजाजत दी थी लेकिन जो आंकड़े हमारे पास आए हैं वह बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान वाहनों की बिक्री बिना लॉकडाउन की अवधि के मुकाबले अधिक हुई।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल्स डीलर्स एसोसिएशन द्वारा सात जुलाई को दायर हलफनामे में कहा गया है कि 12 मार्च से 31 मार्च तक सदस्य डीलरों ने 61,861 बीएस-4 वाहनों की बिक्री की है, जबकि गैर-सदस्य डीलरों ने इस दौरान 7,25,321 बीएस-4 वाहनों की बिक्री की है।

इन आंकड़ों के मुताबिक 29, 30 और 31 मार्च को अधिक गाड़ियां बेची गईं। साथ ही हलफनामे में यह भी कहा गया है कि डीलर सदस्यों ने 7,758 वाहनों का जबकि गैर सदस्य डीलरों ने 17,145 गाड़ियों की जानकारी ‘वाहन’ पोर्टल पर नहीं दी है।