जयपुर। प्रदेश में क्रेडिट को-ऑपेटिव सोसायटियों की जालसाजी का खुलासा करने वाले एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्यपाल मिढ्ढा जालसाजों को बचाने के नाम पर दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। एसीबी के सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर सत्यपाल मिढ्ढा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि हाल ही भरतपुर डीआइजी लक्ष्मण गौड़ के नाम से थानेदार से ही पांच लाख रुपए रिश्वत मांगने के मामले में जांच चल रहे है।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि एक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संचालक ने परिवाद दिया कि उसके खिलाफ एसओजी में एक शिकायत लंबित है। शिकायत की जांच निरीक्षक विष्णु खत्री और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्यपाल मिढ्ढा कर रहे हैं। इनके द्वारा एसओजी के उच्चाधिकारियों के लिए दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। पहली किस्त के रूप में 30 लाख रुपए मांगे हैं। इसके बदले में सोसायटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करने का आश्वासन दे रहे हैं।
एसीबी के सत्यापन में मांगी रकम
एसीबी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मिढ्ढा द्वारा रिश्वत मांगने का सत्यापन किया। इसमें आरोपी मिढ्ढा ने एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल के नाम से रिश्वत की राशि मांगी। आरोपी मिढ्ढा के खिलाफ धारा 7, 7 ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 120 बी आइपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसओजी में तीन सोसायटी के खिलाफ मामला दर्ज
एसओजी में आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ मामला दर्ज कर एएसपी सत्यपाल मिढ्ढा जांच कर रहे थे। सूत्र बताते हैं कि 10 क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ एसओजी में धोखाधड़ी की शिकायतें लंबे समय से लंबित पड़ी हैं। एसओजी ने इन शिकायतों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। उधर मामले में एडीजी, एसओजी-एटीएस अनिल पालीवाल का कहना है कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं था।