नई दिल्ली। कोरोना संकट के बढ़ते मामलों और एक राज्य से दूसरे राज्य ट्रैवल करने वाले यात्रियों को अब रिजर्वेशन टिकट फॉर्म में एड्रेस के अलावा और भी जानकारी देनी होंगी। रेलवे ने रिजर्वेशन टिकट फॉर्म में बदलाव किया है। अब यात्रियों को एड्रेस के साथ-साथ मकान नंबर, गली, कॉलोनी, शहर, तहसील और जिले की जानकारी भी दर्ज करनी होगी।
यात्रियों को डेस्टिनेशन स्टेशन से जुड़ी जानकारी भी काउंटर पर बैठे क्लर्क को बतानी होगी। इन नई जानकारियों को दर्ज करने के लिए रिजर्वेशन काउंटर (पीआरएस) से जुड़े सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है।
रेलवे के मुताबिक यात्री चाहे रेलवे रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक करवाएं या फिर इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) वेबसाइट या एप से तीनों ही प्लेटफॉर्म पर ये जानकारी देना अब अनिवार्य है। रेलवे की इस नई व्यवस्था के जरिए कोरोना संक्रमण के रोकथाम में मदद मिलेगी। रेलवे का कहना है कि यात्रियों को इन सभी जानकारियों को भरने में मात्र 70 सेकेंड्स का वक्त लगेगा।
दरअसल लॉकडाउन और कोरोना संकट के चलते भारी संख्या में प्रवासी मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य पलायन कर रहे हैं। राज्य सरकारों का कहना है कि जो यात्री उनके राज्यों में आ रहे हैं उनमें से कुछ कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में राज्यों ने मांगी की थी कि यात्रियों का डेटा राज्यों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए।
रेलवे ने एक जून से 200 नॉन एसी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। ऐसे में यात्रियों का एक जगह से दूसरी जगह कूच करने का सिलसिला जारी है। एहतियातन रेलवे समय-समय पर कई कदम उठा रहा है जिससे कोरोना संक्रमण कम से कम फैले। इसके लिए सिर्फ आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को ही यात्रा की मंजूरी है।