नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का 53,124 करोड़ रुपए का मेगा राइट्स इश्यू बंद होने के दो दिन पहले सोमवार को 1.1 गुना सब्सक्राइब हो गया। स्टॉक एक्सचेंज के इश्यू सब्सक्रिप्शन आंकड़े के मुताबिक सोमवार तक आरआईएल के राइट्स इश्यू के लिए कुल 46.04 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। यह 42.26 करोड़ शेयरों के ऑफर साइज के मुकाबले 8.9 फीसदी ज्यादा है। ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिलने का मतलब यह है कि शेयरधारकों ने अपने एंटाइटलमेंट के मुकाबले ज्यादा शेयरों के लिए आवेदन किए हैं।
राइट्स इश्यू के बंद होने में दो दिन और बचे हुए हैं। ऐसा देखा गया है कि इस तरह के इश्यू में जिसमें शेयरों का आवंटन निश्चित रहता है, संस्थागत निवेशक आखिरी दिनों में निवेश करते हैं। इसका मतलब यह है कि सब्सक्रिप्शन का अंतिम आंकड़ा और ऊपर पहुंचने वाला है। रिलांयस इंडस्ट्र्रीज के मालिक मुकेश अंबानी और प्रमोटर समूह ने कहा है कि उनके पास जितने शेयरों का एंटाइटलमेंट है, वे उतने शेयरों के लिए आवेदन करेंगे। साथ ही जितने शेयरों के लिए बोली नहीं मिलेगी, उन सभी शेयरों के लिए भी वे सब्सक्राइब करेंगे।
हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस राइट्स इश्यू के समकक्ष और जितने भी इश्यू आए हैं, उनके मुकाबले आरआईएल का ओवरसब्सक्रिप्शन आंकड़ा बेहतर है। भारती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया का राइट्स इश्यू 5-8 फीसदी ओवरसब्सक्राइब हुआ था। इन दोनों के राइट्स इश्यू का आकार आरआईएल के इश्यू के मुकाबले आधा से भी कम था। आरआईएल का यह राइट्स इश्यू 3 जून को बंद होगा। यह तीन दशकों में कंपनी का पहला राइट्स इश्यू है।
75 फीसदी का उपयोग कर्ज घटाने में होगा
इस इश्यू में कंपनी ने योग्य शेयरधारकों को हर 15 शेयरों के लिए एक शेयर का राइट एंटाइटलमेंट दिया है। इश्यू का ऑफर प्राइस 1,257 रुपए है। सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्र्रीज बीएसई पर 1,520.45 रुपए पर बंद हुआ। इश्यू ऑफर डॉक्यूमेंट के मुताबिक इस इश्यू से कंपनी जितना फंड जुटाएगी, उसके तीन-चौथाई हिस्से का उपयोग अपने कर्ज को घटाने में करेगी। कानूनी व अन्य खर्चों को निकाल देने के बाद कंपनी को इस इश्यू से 53,036.13 करोड़ रुपए का फंड मिलने का अनुमान है। इनमें से 39,755.08 करोड़ रुपए का उपयोग कर्ज घटाने में किया जाएगा। शेष 13,281.05 करोड़ रुपए का उपयोग सामान्य कॉरपोरेट कार्यों के लिए किया जाएगा।
कंपनी कर्जों को घटाकर शून्य तक लाना चाहती है
इससे पहले आरआईएल ने 1991 में आम लोगों से फंड जुटाए थे। उस वक्त कंपनी ने कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी किया था। इन डिबेंचर्स को 55 रुपए प्रत्येक की दर से शेयरों में परिवर्तित कर दिया गया था। अंबानी ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि कंपनी 2021 तक अपने शुद्ध कर्जों को घटाकर शून्य तक लाना चाहती है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कंपनी अपने विभिन्न कारोबारों में रणनीतिक साझेदारों की तलाश कर रही है और इसके जरिये अपने कर्ज को घटा रही है।
कंपनी पर 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज
मार्च तिमाही के आखिर में कंपनी पर 3,36,294 करोड़ रुपए का कर्ज था। कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी भी थी। इस तरह से कंपनी का शुद्ध कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए था। कर्ज घटाने की योजना के तहत आरआईएल ने अपनी डिजिटल यूनिट जियो प्लेटफॉर्म्स कुछ अल्पमत हिस्सेदारी फेसबुक व अन्य प्राइवेट इक्विटी कंपनियों को बेची है। कंपनी अपने तेल व रसायन कारोबार की 20 फीसदी हिस्सेदारी 15 अरब डॉलर में बेचने के लिए सऊदी अरैमको से भी बात कर रही है। अपने ईंधन रिटेल कारोबार की आधी हिस्सेदारी कंपनी ने 7,000 करोड़ रुपए में बीपी पीएलसी को बेच दी है। साथ ही कंपनी ने टेलीकॉम टॉवर कारोबार की आधी हिस्सेदारी 25,200 करोड़ रुपए में ब्रूकफील्ड को बेच दी है।