कोटा। आईएसटीडी की चैयरपर्सन और कोटा ज्ञानद्वार की संस्थापक अनिता चौहान ने बताया कि कोरोना संकट काल के दौरान जन-जन तक ज्ञान की अलख जगाये रखने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुये ज्ञानद्वार एज्युकेशन सोसायटी और आईएसटीडी ( ISTD) कोटा चैप्टर की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया ।
राष्ट्रीय स्तर के मोटिवेशनल एवं मैनेजमेंट गुरु मुख्य वक्ता पीएम भारद्वाज ने कहा कि चिंता की जगह चिंतन करें। स्वयं व भगवान पर भरोसा करें। स्ट्रेस मैनेजमेंट व टाइम मैनेजमेंट अपने जीवन में लागू करें। इनोवेशन व क्रिएटिविटी पर ध्यान दें। काम, क्रोध, मद, मोह एवं माया से दूर रहें। किसी भी हालत में घमंड ना करें। सरल जीवन व्यतीत करें।
उन्होंने कहा कि अपनी आवश्यकताओं को नियंत्रण में रखें। लीक से हटकर सोचें व काम करें। उन्होंने अपनी लेक्चर में सदगुरु संत कबीर के बहुत सारे दोहे भी उदाहरण के लिए सक्सेस मंत्र के साथ बोले। उन्होंने इस मौके पर आध्यात्मिक एवं धार्मिक होने के बारे में फर्क समझाते हुए कहा कि धार्मिक होने से आध्यात्मिक होना ज्यादा अच्छा है।
प्रो.पीके शर्मा मॉडरेटर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आह्वान किया गया है । कोविड-19 (कोविद-19 ) के अंतर्गत प्राप्त अवसर को जाने नहीं देना है। इसके लिए भारत में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनों के साथ साथ उपलब्ध सांस्कृतिक धरोहर के साथ विश्व का नेतृत्व करने में प्रत्येक भारतवासी को अपना योगदान देना होगा।
यूनाईटेड नेशन इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन के आई टी एडवाईजर डॉ.डीपी शर्मा नें कहा कि हमारे शास्त्रों के अनुसार तप करनें का फल जरूर मिलता है । जो हम सब भारतवासियों नें कोविड 19 के दोरान लगभग दो महिनों से कर रहे हैं। वर्तमान सरकार देश व हर देशवासी के हितों पर कई अडचनों के बावजूद बिना रुके निरंतर कार्य कर रही है। वह भी एक प्रकार का तप ही है।
राष्ट्रीय वेबिनार से देशभर के विभिन्न प्रतिभागी लाभान्वित हुए । आईआईटी दिल्ली के डॉ देवेंद्र बेन्वेट, विशाखापट्टनम से डॉ. एसए राव, के एम टण्डन, चेन्नई से प्रोडॉ. डॉ सांघी, प्रतीक लुहाड़िया, बसंत जैन, एम एल परिहार, डॉ. अमित राठौड़ आदि ने भी अपने विचार रखे ।