कोटा। केन्द्र और राज्य सरकार का अब फोकस उद्योगों के पुनर्संचालन पर है। इसके लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को उद्योगों के लिए नई गाइड लाइन जारी कर दी है। अब उद्यमी जिला कलक्टर की अनुमति से दूसरे राज्यों व अन्य जिलों से भी श्रमिक ला सकेंगे। साथ ही फैक्ट्री में अब श्रमिकों को रखने की बाध्यता भी खत्म कर दी है। सरकार ने उद्योगों के संचालन में प्रशासनिक दखल खत्म कर दिया है।
नियमों में शिथिलता मिलने से उद्यमियों में उद्योगों के संचालन को लेकर उत्साह बना हुआ है। कोटा स्टोन की फैक्ट्रियां व खानें जल्द शुरू होने की संभावना है। कोटा स्टोन की जिले में करीब 2500 इकाइयों में लॉक डाउन के दौरान उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया था और ज्यादातर कारखानों से श्रमिक पलायन कर गए हैं। ऐसी स्थिति में उद्योगों का संचालन करना मुश्किल हो गया था। रामगंजमंडी, ढाबादेह, सातलखेड़ी आदि क्षेत्र की ज्यादातर खानों में उत्पादन ठप पड़ा था। पांच से दस फीसदी ही खानों में अब तक काम शुरू हो पाया है।
यह है उद्योगों की नई गाइड लाइन
जिला कलक्टर से अनुमति लेकर उद्यमी दूसरे राज्यों व अन्य जिलों से श्रमिक ला सकेंगे। जो श्रमिक शहर में रहते हैं, उनको कारखाने में आने-जाने की छूट मिलेगी। शाम 7 बजे तक घर पहुंचाना होगा। रात में भी उद्योग चालू रख सकेंगे, लेकिन श्रमिक आ-जा नहीं सकेंगे। उद्योगों के संचालन के लिए किसी भी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं है। उद्योगों के संचालन में पुलिस और प्रशासन का कोई दखल नहीं होगा।
यदि किसी जिला कलक्टर को उद्योग संचालन पर नियमों की पालना पर आपत्ति है तो वह सीधे सरकार से बात करेंगे, उद्यमी से बात नहीं करेंगे। सोशल डिस्टेसिंग की पालना जरूरी, लेबर मॉस्क लगाकर ही काम करेंगे। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों को कारखाना परिसर में ही रखना होगा। रीको क्षेत्र के बाहर के भी उद्योग चालू हो सकेंगे।
रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक एस.के. गर्ग ने उद्यमियों के साथ संवाद कर नई गाइड लाइन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की स्पष्ट मंशा है कि अधिक से अधिक उद्योगों का जल्द संचालन शुरू हो। इसके लिए विशेष सेल का भी गठन किया गया है, जो उद्यमियों की मदद करेगा।