नई दिल्ली।निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी करार दिए गए पवन कुमार गुप्ता की एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। पवन ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है कि वारदात के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी और वह नाबालिग था। हालांकि, इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने पवन के वकील पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
दोषी पवन कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए उनके वकील की निंदा भी की थी। हालांकि, कानून के जानकारों का मानना है कि पवन को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिल पाएगी। बता दें कि मामले के दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद पवन ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया था कि दिसंबर 2012 में घटना के वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी।
1 फरवरी को फांसी
हाई कोर्ट ने पवन की इस याचिका को खारिज कर दिया था और उसके वकील एपी सिंह पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया था। उधर, दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को ही निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वॉरंट जारी कर दिया। इसके तहत चारों दोषियों-मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। चारों को पहले 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी।