देश के 745 अखबारों ने लागू नहीं की मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश

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    सबसे ज्यादा पंजाब और झारखण्ड में ठुकराया  सुप्रीम कोर्ट का आदेश ,मध्य प्रदेश के एक भी अख़बारों में लागू नहीं वेज बोर्ड

    • शशिकांत सिंह
    • पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट

    मुंबई। जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश को देश भर के 745 अखबार मालिकों ने खुले आम हवा में उड़ा दिया और दम्भ के साथ सुप्रीमकोर्ट की ओर मुंह करके अट्टाहास कर रहे हैं।और ये जता रहे हैं देखलो सुप्रीमकोर्ट तुम नहीं हम सबसे बड़े हैं।

    सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवमानना करने के मामले में नंबर वन पर है पंजाब ।यहाँ 531 अखबारों में सिर्फ 4 अखबारों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू किया, जबकि 93 अखबारों ने इस वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया।  यहाँ 434 ऐसे अखबार हैं जो एक आदमी द्वारा संचालित हैं। ये विस्फोटक जानकारी भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय नयी दिल्ली के सूत्रों ने उपलब्ध कराई है।

    मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू न करने के मामले में दूसरे नंबर पर है झारखंड ।यहाँ 154 अखबारों में सिर्फ 2 अखबार संस्थानों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू किया, जबकि 91 ऐसे अखबार हैं जिन्होंने इस सिफारिश को नहीं लागू किया।यहाँ 61 ऐसे अखबारों को मजीठिया के दायरे से बाहर रखा गया है, जो एक आदमी द्वारा संचालित होता है।

    सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे नम्बर पर है।यहाँ 140 अखबारों का प्रकाशन होता है । यहाँ एक भी अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया। जिसमे सिर्फ 3 अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू किया वो भी सिर्फ आंशिक रूप से जबकि 72 अखबारों ने इस सिफारिश को नहीं लागू किया । यहाँ 65 अखबार एक आदमी द्वारा संचालित है।

    सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवमानना करने के मामले में महाराष्ट्र चौथे नंबर पर है ।यहाँ सबसे ज्यादा 2762 अखबार प्रकाशित होते हैं जिनमे 43 अखबार मालिकों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया । इन 43 अखबार मालिकों ने भी फर्जीवाड़ा किया है।जबकि यहाँ 21 अखबार ऐसे हैं जिन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश आंशिक रूप से लागू किया है , जबकि 65 अखबार मालिकों ने वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू किया ।

    महाराष्ट्र में 2633 अखबार एक आदमी द्वारा संचालित है। इस सूची में पांचवे नंबर पर आता है उड़ीसा यहाँ 179 अख़बारों का प्रकाशन होता है जिसमे सिर्फ 14 अखबारों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू किया जबकि 62 अखबारों ने इसे पूरी तरह ठुकरा दिया।इस सूची पर नजर डाले तो आंध्र प्रदेश ऐसा एकमात्र स्थान है जहाँ सभी 27अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू कर दिया है ।

    देश की राजधानी दिल्ली से 81 अखबार निकलते हैं जिसमे 10 अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह,15 ने आंशिक रूप से वेज बोर्ड की सिफारिश लागू किया जबकि 29 अखबार मालिकों ने इस वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं माना। बिहार से 44 अखबार निकलते हैं।यहाँ 12 अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू कर दिया, जबकि 32 अख़बारों ने इस वेज बोर्ड को नहीं माना।

    उत्तर प्रदेश से 70 अखबारों का प्रकाशन होता है यहाँ 24 अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया, जबकि 4 ने आंशिक रूप से लागू किया।यहाँ 39 अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं माना ।उत्तराखंड में सिर्फ एक अखबार ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया है।

    राजस्थान से सबसे ज्यादा चौकाने वाला आंकड़ा आया है ।यहाँ 893 अखबारों में से सिर्फ 4 अख़बारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं की है, जबकि 28 अखबारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू कर दी है। गुजरात में 60 अख़बारों ने वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया है।