नई दिल्ली । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में मोबाइल वॉलेट के माध्यम से 15,202 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। जून की तुलना में इसमें 4 फीसद की वृद्धि हुई है, जून में यह आंकड़ा 14,632 करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में लेनदेन की संख्या में 5 फीसद वृद्धि के साथ यह आंकड़ा 325.28 मिलियन पहुंच गया, जो कि मई में 325.41 मिलियन पर था। जून में लगभग 309.62 मिलियन लेनदेन किया गया था। मोबाइल वॉलेट से लेनदेन में पिछले तीन महीनों में वृद्धि देखी गई है।
केंद्रीय बैंक के निर्देश के बाद वॉलेट के जरिए सुविधा देने वाली कंपनियों से कहा गया था कि वह 1 मार्च से केवाईसी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें, इसके बाद ग्राहकों को भी अपने केवाईसी को पूरा करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।
एटम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के चीफ एक्जीक्यूटिव दीवांग नेरल्ला ने कहा कि लेनदेन में बढ़ोत्तरी का सबसे बड़ा कारण कैशबैक रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कैशबैक छोटे मूल्य से उच्च मूल्य लेनदेन में बदल गया है।
रिपोर्ट के अनुसार डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले लेनदेन में भी बढ़ोत्तरी हुई है। जुलाई में लेनदेन 3.6 फीसद बढ़कर 3.64 ट्रिलियन हो गया, जो कि जून में 3.62 ट्रिलियन था। वहीं जुलाई में कार्ड के जरिए लेनदेन में 1 फीसद 1,293.28 मिलियन की वृद्धि हुई जो कि जून में 1,248.26 मिलियन थी।
वहीं मोबाइल बैंकिंग से लेनदेन की बात करें तो इसमें मामूली वृद्धि हुई और जुलाई में यह आंकड़ा 307.74 मिलियन रहा। हालांकि, जुलाई में इसमें 10 फीसद की गिरावट दर्ज की गई और यह आंकड़ा 1.7 ट्रिलियन हो गया, जून में यह 1.9 ट्रिलियन था।