चेन्नई। तमिलनाडु की अन्ना यूनिवर्सिटी से हजारों की संख्या में इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर निकले स्टूडेंट्स ने प्रफेसरों को घूस देकर डिग्री हासिल की है। भ्रष्टाचार निरोधी एवं सतर्कता निदेशालय (डीवीएसी) की जांच में इस तरह की संभावना का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी की तरफ से पूर्व परीक्षा नियंत्रक तथा 9 अन्य प्रफेसर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
मई 2016 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011 से ही अपने पेपर के री-इवैल्युएशन के लिए अप्लाई करने वाले 40 फीसदी कैंडिडेट्स को अधिक नंबर हासिल हुए थे। डीवीएसी की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-मई 2017 में हुई परीक्षा के प्रत्येक पेपर के पुनर्मूल्यांकन के लिए स्टूडेंट्स से 10 हजार रुपए की घूस ली गई।
कुल 3,02,380 स्टूडेंट्स ने पुनर्मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया था, जिसमें से 73 हजार 733 स्टूडेंट्स पास हो गए जबकि 16,636 को रीचेकिंग के बाद अधिक नंबर हासिल हुए। पूर्व परीक्षा नियंत्रक जी. वी. उमा 2015 से 2018 के बीच हुई परीक्षाओं की इन्चार्ज थीं। यूनिवर्सिटी से संबद्ध 530 कॉलेज हैं, जिसमें प्रत्येक वर्ष 1.5 लाख स्टूडेंट भर्ती होते हैं।
दर्ज हुई एफआईआर के अनुसार उमा ने असिस्टेंट प्रफेसर पी. विजयकुमार तथा आर. शिवकुमार के साथ मिलकर नंबर बढ़ाने के लिए पैसे लिए। अन्य सात आरोपियों ने तिंदिवनम स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग में पुनर्मूल्यांकन पेपर को कोऑर्डिनेट कराया था।
हालांकि उमा सहित अन्य सभी आरोपियों ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है। डीवीएसी ने नकल और धोखाधड़ी का चार्ज लगाते हुए सभी के घर पर छापा मारा और प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स को जब्त कर लिया है।