नई दिल्ली। Bharat Brand Phase 2: सरकार ने उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए रियायती दर पर ‘भारत’ ब्रांड के तहत गेहूं के आटे और चावल की खुदरा बिक्री के दूसरे चरण की मंगलवार को शुरुआत की।
सहकारी समितियों भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और केन्द्रीय भंडार तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये गेहूं का आटा 30 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पांच तथा 10 किलोग्राम के पैकेट में बेचा जाएगा।
खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इन सहकारी समितियों की ‘मोबाइल वैन’ को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा, ‘‘यह उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए एक अस्थायी हस्तक्षेप है।’’ सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष के अंतर्गत दूसरे चरण में खुदरा हस्तक्षेप के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) से 3.69 लाख टन गेहूं और 2.91 लाख टन चावल आवंटित किया है।
जोशी ने कहा, ‘‘यह तब तक जारी रहेगा जब तक आवंटित भंडार समाप्त नहीं हो जाता। यदि और अधिक की आवश्यकता होगी तो हमारे पास पर्याप्त भंडार है और हम पुनः आवंटन करेंगे।’’
नए मूल्य निर्धारण ढांचे के तहत गेहूं का आटा पांच तथा 10 किलोग्राम के पैक में 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होगा, जबकि चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा। पहले चरण की दरों क्रमशः 27.5 रुपये तथा 29 रुपये प्रति किलोग्राम से इसमें मामूली वृद्धि की गई है। पहले चरण में चावल की कम बिक्री पर जोशी ने कहा कि सरकार का मकसद कारोबार करना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और बाजार में कीमतों को नियंत्रित करना है।’’ मंत्री ने कहा कि यदि मांग की गई तो सरकार छोटे आकार के पैकट लाने पर विचार करेगी। जोशी ने चावल के अधिशेष भंडार के बावजूद कीमतों में स्थिरता को समझने के लिए एक अध्ययन का आह्वान किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि कीमतें ‘‘ काफी हद तक नियंत्रण में’’ हैं, केवल सामान्य गुणवत्ता वाली किस्मों में मामूली उतार-चढ़ाव है।
पहले फेज में अक्टूबर, 2023 से 30 जून, 2024 तक 15.20 लाख टन गेहूं का आटा और 14.58 लाख टन चावल का वितरण किया गया था। जोशी ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर निरंतर हस्तक्षेप के लिए पर्याप्त भंडार उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर खाद्य राज्यमंत्री बी.एल. वर्मा और खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा भी उपस्थित रहे।