नई दिल्ली। सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छठी से 12वीं क्लास तक डिजिटल शिक्षा मुहैया कराई जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने 2018-19 समग्र शिक्षा योजना प्रारंभ की है। दरअसल समग्र शिक्षा योजना में सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा योजनाओं को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि डिजिटल शिक्षा मुहिम में छठी से 12वीं कक्षा तक सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को शामिल करने का विचार रखा गया है। देश के सुदूर क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुलभ कराने की पहल के तहत डीटीएच टीवी के माध्यम से स्वयंप्रभा पहल के तहत 32 राष्ट्रीय चैनलों के जरिये शैक्षणिक ई सामग्रियों का प्रसारण प्रारंभ किया गया है। डीटीएच टीवी पर किशोर मंच का राष्ट्रीय संयोजक सीआईईटी-एनसीईआरटी है।
अधिकारी ने बताया कि इसके तहत 9 जुलाई 2018 से 24 घंटे के शैक्षणिक टीवी चैनल को फीड करने का कार्य प्रारंभ हो गया है। इसके अलावा एनसीईआरटी द्वारा शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पाठ्यचर्या विकसित की गई है। 588 नवोदय विद्यालयों में एक वर्ष के लिये पाठ्यचर्या को प्रारंभ किया गया था। 30 राज्यों में आईसीटी पाठ्यचर्या को लागू करने की पहल की गई है। राष्ट्रीय मुक्त शैक्षिक संसाधन संग्रहक के तहत स्कूल शिक्षा और अध्यापक शिक्षा के सभी चरणों को डिजिटल बनाने योग्य संसाधनों को साथ लाने की पहल की गई है।
अब तक पोर्टल पर 2722 दस्तावेज, 376 पत्रिकाएं, 1664 ऑडियो, 2581 फोटो ओर 5958 विडियो सहित 13301 फाइलें उपलब्ध कराई गई हैं। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए 12 विषयों में व्यापक मुक्त एवं ऑनलाइन पाठ्यक्रम के विकास का कार्य प्रारंभ किया है। इनमें अकाउंटेंसी, बिजनस स्टडीज, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, भूगोल, गणित, भौतिक शास्त्र, राजनीतिक शास्त्र, मनोविज्ञान और समाज शास्त्र जैसे विषय शामिल हैं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों और माता पिता के लिए व्यापक स्वयं समीक्षा एवं विश्लेषण की व्यवस्था तैयार की गई है। ‘सारांश’ पहल स्कूल, शिक्षक और माता पिता को एक साथ जोड़ने का काम करती है ताकि विद्यार्थियों की प्रगति की समीक्षा की जा सके एवं सुधार में मदद दी जा सके । इसके साथ ही ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड पहल के तहत पूरे देश में 9वीं कक्षा से स्नातकोत्तर स्तर तक 15 लाख कक्षाओं में संवादात्मक डिजिटल बोर्ड उपलब्ध कराने की पहल भी की गई है।