नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कई कारकों से तय होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों तथा मानसून की प्रगति से बाजार का रुख तय होगा।
अमेरिका द्वारा चीन के आयात पर ताजा शुल्क लगाने के फैसले से कारोबारी धारणा प्रभावित होगी। कोटक सिक्योरिटीज की उपाध्यक्ष (शोध) टीना विरमानी ने कहा कि आगे चलकर बाजार का ध्यान अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार युद्ध की ओर रहेगा।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अब भारतीय शेयर बाजारों में सुस्ती का चरण शुरू हो जाएगा क्योंकि ज्यादातर प्रमुख घटनाक्रम मसलन तिमाही नतीजों का सत्र , वृहद आर्थिक आंकड़े और रिजर्व बैंक की मौद्रिक घोषणा पूरी हो चुकी है।
रुपया भी तय करेगा बाजार की चाल
एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि अब सभी की निगाह वैश्विक घटनाक्रमों पर रहेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा चीन के 50 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाने से व्यापार युद्ध की आशंका पैदा हुई है। साथ ही कच्चे तेल के दाम तथा डॉलर के मुकाबले रुपये का उतार चढ़ाव भी बाजार की दिशा तय करेगा।
हेम सिक्योरिटीज के निदेशक गौरव जैन ने कहा कि निवेशकों की निगाह कच्चे तेल की कीमतों तथा मानसून की प्रगति पर है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि व्यापार को लेकर विवाद से निकट भविष्य में बाजार की धारणा प्रभावित होगी।
बाजार की निगाह इस सप्ताह ओपेक और रूस की बैठक पर लगी है। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कुल मिला कर 178 अंक या 0.50 प्रतिशत चढ़कर 35,622 अंक पर पहुंच गया।