नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष (2024-25) के दौरान 27 जनवरीतक राष्ट्रीय स्तर पर रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 655.88 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 643.72 लाख हेक्टेयर से 12.16 लाख हेक्टेयर तथा सामान्य औसत क्षेत्रफल 635.30 लाख हेक्टेयर से 20.58 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस बार रबी सीजन में गेहूं, धान तथा दलहन फसलों के रकबे में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है मगर तिलहन फसलों की बिजाई काफी घट गई है। मोटे अनाजों की खेती भी कुछ कम हुई हैं। बिजाई की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है इसलिए उपरोक्त उत्पादन क्षेत्र को अंतिम आंकड़ा माना जा सकता है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2023-24 की तुलना में 2024-25 के रबी सीजन के दौरान सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं का बिजाई क्षेत्र 315.63 लाख हेक्टेयर से उछलकर 324.38 लाख हेक्टेयर, धान का उत्पादन क्षेत्र 30.38 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 35.15 लाख हेक्टेयर तथा दलहन फसलों का क्षेत्रफल 139.29 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 142.49 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है।
दूसरी ओर इसी अवधि में श्री अन्न सहित मोटे अनाजों का उत्पादन क्षेत्र 55.89 लाख हेक्टेयर से गिरकर 55.67 लाख हेक्टेयर तथा तिलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 102.52 लाख हेक्टेयर से घटकर 98.18 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
दलहन-तिलहन एवं मोटे अनाजों के संवर्ग में कुछ फसलों का क्षेत्रफल बढ़ा है जबकि अन्य फसलों के रकबे में कमी आई है। उदाहरणस्वरूप दलहन फसलों में चना, उड़द एवं मूंग का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से आगे निकल गया मगर मसूर, मटर एवं खेसारी का रकबा कुछ पीछे रह गया। कुलथी का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के बराबर ही रहा।
इसी तरह मोटे अनाजों में ज्वार का उत्पादन क्षेत्र घट गया जबकि मक्का का बिजाई क्षेत्र बढ़ गया। तिलहन फसलों में सरसों के क्षेत्रफल में भारी गिरावट दर्ज की गई लेकिन मूंगफली एवं सूरजमुखी का रकबा गत वर्ष से आगे निकल गया।