भारतीय बैंकों में नकदी का संकट बढ़ा, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची सीडी निर्भरता

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नई दिल्ली। नकदी की कमी के बीच बैंकों का जमा प्रमाण पत्र (सीडी) के माध्यम से धन जुटाने पर निर्भरता बनी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 7 फरवरी को समाप्त पखवाड़े तक सीडी पर बकाया राशि 5.19 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।

हालांकि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक में नीतिगत दर में एक और कटौती और इसके कारण दीर्घावधि उधारी लागत में और गिरावट की संभावना है। इसके कारण 15 फरवरी को समाप्त पखवाड़े में सीपी की बकाया राशि 4.79 लाख करोड़ रुपये रह गई है, जो अक्टूबर 2019 के बाद का शीर्ष स्तर है।

आरबीएल बैंक में ट्रेजरी हेड अंशुल चांडक ने कहा, ‘उद्योग में जमा में वृद्धि एक चुनौती रही है। साथ ही इस तिमाही में ऋण की मांग तेज बनी हुई है, इसलिए बकाया राशि में वृद्धि हुई है। वृद्धि का यह क्रम पिछले कुछ समय से जारी है।’ उन्होंने कहा कि इस वक्त यह शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि इससे कारोबारी लक्ष्य पूरा करने के लिए साल के अंत की तेजी भी संकेत मिलते हैं।

लगातार 10 सप्ताह से बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की शुद्ध कमी है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक रविवार को नकदी की कमी 2.37 लाख करोड़ रुपये थी। 7 फरवरी को समाप्त पखवाड़े में बैंकों ने 71,094 करोड़ रुपये का सीडी जारी किया।

इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के को ग्रुप हेड और सीनियर वाइस प्रेजिडेंट अनिल गुप्त ने कहा, ‘नकदी की कमी की स्थिति में बैंकों ने सीडी के माध्यम से धन जुटाना जारी रखा है। इन सीडी की हिस्सेदारी बैंकों के कुल जमा का महज 2.3 प्रतिशत है, जो एक दशक पहले कुल जमा का 8 प्रतिशत था, जब एलसीआर फ्रेमवर्क लागू नहीं था।’

विशेषज्ञों ने कहा कि रिजर्व बैंक व्यवस्था में प्रमुख नकदी डालने के लिए अन्य कदमों की भी घोषणा कर सकता है। 25 जनवरी को प्रमुख नकदी 34,000 करोड़ रुपये रही है। एचडीएफसी बैंक की प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘25 जनवरी तक प्रमुख नकदी 34,000 करोड़ रुपये थी, जो बहुत कम है।

रिजर्व बैंक ने जिस स्वैप की घोषणा की है, उससे प्रमुख नकदी और समग्र व्यवस्था नकदी पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी। विदेशी मुद्रा हस्तक्षेप के कारण हमें दबाव देखने को मिला है, जो अगले 4 से 6 सप्ताह तक जारी रह सकता है। इसके अलावा मार्च में कर जमा करने के लिए भी नकदी की निकासी होनी है।’