नई दिल्ली। Bitcoin: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में लगातर पांचवें दिन गिरावट दर्ज की जा रही है। आज यह नवंबर के बाद पहली बार 80,000 डॉलर के नीचे आ गई। इससे पहले गुरुवार को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के दौरान 5 प्रतिशत से अधिक गिर गई थी। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद बिटकॉइन अपने रिकॉर्ड हाई लेवल से लगभग 25 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। पिछले हफ्ते बायबिट एक्सचेंज के एक रिकॉर्ड-ब्रेकिंग हैक ने भी क्रिप्टो बाजार को झकझोरा है।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक सिंगापुर में दोपहर 12:05 बजे बिटकॉइन 5.5% गिरकर $79,627 पर आ गया। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर में 7.3% की गिरावट आई, जबकि सोलाना और XRP में क्रमशः 7.1% और 7.8% की गिरावट आई।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ 4 मार्च से लागू होंगे, जबकि चीनी आयात पर 10% का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। इसके बाद MSCI AC एशिया पैसिफिक इंडेक्स लगभग 2% गिरा था। इस सप्ताह मंदी की भावना ने स्पॉट यूएस बिटकॉइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड को भी प्रभावित किया है। निवेशकों ने मंगलवार को $1 बिलियन से अधिक की निकासी की, जो पिछले साल की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी एक दिवसीय निकासी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ETF से लगातार आउटफ्लो और ट्रंप के EU टैरिफ खतरों ने बिटकॉइन की कीमतों में $74000 तक गिरावट की आशंका के साथ बाजार पर और दबाव डाला है।
Pi42 के सह-संस्थापक और सीईओ अविनाश शेखर ने कहा, “क्रिप्टो बाजार ने बिटकॉइन के साथ एक बियरिश मोड में प्रवेश किया है, जो जनवरी के टॉप 109,350 डॉलर से 25% से अधिक गिरकर 80000 के नीचे आ गया है। बिटकॉइन की $80000 से नीचे की गिरावट 2025 की सबसे बड़ी बिक्री है।”
शेखर ने आगे कहा, “इस बीच, एक्सआरपी का ओपन इंटरेस्ट 2025 में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। संस्थागत बिक्री और मैक्रोइकॉनॉमिक अस्थिरता ने इस बारे में सवाल उठाते हुए विश्वास को हिला दिया है कि क्या क्रिप्टो बाजार एक अस्थायी सुधार या गहरी मंदी की शुरुआत का सामना कर रहा है।”