कभी-कभी एक छोटी सी बात जीवन का टर्निंग पॉइंट बन सकती है: आदित्य सागर

0
6

कोटा। दिगंबर जैन मंदिर त्रिकाल चौबीसी आरकेपुरम में श्रमण श्रुतसंवेगी आदित्य सागर मुनिराज संघ ने भव्य चातुर्मास के अवसर पर अपने नीति प्रवचन में चाहत और किस्मत में संतुलन के महत्व को समझाया।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने भाग्य और चाहत के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए और जीवन में धैर्य और समझदारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए। चाहत रखना अच्छा है, लेकिन उसे वास्तविकता से जोड़कर देखना चाहिए। अपनी क्षमताओं को पहचानें, मेहनत करें, लेकिन परिणाम के प्रति अति-आशावादी न हों। संतुलित दृष्टिकोण रखें और अवसरों का सही लाभ उठाएं।

उन्होंने कहा कि किसी वस्तु को पाने के लिए पहले पात्रता लानी चाहिए, फिर चाहत करनी चाहिए। व्यक्ति अक्सर बहुत ऊंची चाहतें रखता है, लेकिन उसकी किस्मत उतनी ऊंची नहीं होती। इस असंतुलन से निराशा उत्पन्न होती है। केवल चाहना काफी नहीं है, उस चीज़ के लिए पात्र होना भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि मेहनत जरूरी है, लेकिन किस्मत के बिना मेहनत सफल नहीं होती। अपनी क्षमताओं को पहचानें और उन्हें विकसित करें। जीवन में मिली सीख को गंभीरता से लें, क्योंकि कभी-कभी एक छोटी सी बात जीवन का टर्निंग पॉइंट बन सकती है। व्यापार और जीवन में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं, धैर्य रखें और नैतिक मूल्यों पर अडिग रहें। “तुम वो करो जो मैं चाहता हूं, और फिर होगा वही जो तुम चाहते हो।”

पंचकल्याणक के लिए श्रीफल भेंट
श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में होने जा रहे पंचकल्याणक में श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पार्श्वनाथ निलय के मंदिर का भी पंचकल्याणक हो, इसके लिए सभी समाजबंधुओं ने श्रीफल भेंट किया। पार्श्वनाथ एसोसिएट्स के प्रदीप पापड़ीवाल, प्रकाश काजू, राजेंद्र गोधा, ताराचंद बड़ला, पंकज खटोड़, आयोजक समिति के महामंत्री पारस बज, मुकेश गोधा, विकास मित्तल, चेतन सेठी, मनीष सेठी, महेंद्र बड़जात्या, आदेश गोहिल्या सहित कई श्रावक मौजूद रहे।