कोच्चि। Small cardamom: प्रतिकूल मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से इस बार न केवल छोटी (हरी) इलायची के उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है बल्कि इसके नए माल की आवक शुरू होने में भी काफी देर हो गई। प्रमुख खपत केन्द्रों में माल का स्टॉक काफी घट गया है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की मूसलाधार वर्षा के कारण उत्तरी भारत के खरीदार इलायची की खरीद में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखा सके। वैसे भी इलायची की जिस नई फसल को जुलाई से आना चाहिए था वह सितम्बर में आनी शुरू हुई। अब इसमें जोरदार त्यौहारी मांग निकलने की उम्मीद है जिससे कीमतों में मजबूती आ सकती है।
उत्पादकों की अच्छी बिकवाली से नीलामी केन्द्रों में अच्छी क्वालिटी की हरी इलायची की आपूर्ति बढ़ने लगी है। केरल में एक बार फिर बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है जिससे इलायची के दाने की तुड़ाई-तैयारी एवं आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
पिछले दिन हुई एक नीलामी में 51 टन से अधिक इलायची की आवक हुई और इसका औसत मूल्य 2747 रुपए प्रति किलो के करीब दर्ज किया गया जो 28 अगस्त को आयोजित नीलामी के औसत मूल्य 2762 रुपए प्रति किलो से कुछ नीचे था। उत्पादन में जोरदार गिरावट की आशंका को देखते हुए
उत्पादकों को इस बार इलायची का भाव उछलकर 3500 रुपए प्रति किलो के उच्च पहुंच जाने का भरोसा है। छोटी इलायची का निर्यात प्रदर्शन भी संतोषजनक चल रहा है।
सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- केरल में इलायची की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है और वहां इसके उत्पादन में 35-40 प्रतिशत तक की भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
तमिलनाडु में भी फसल को कुछ हानि हुई है। ग्वाटेमाला में फसल कमजोर बताई जा रही है। भारत में पीक त्यौहारी सीजन आरंभ होने वाला है जिसमें इलायची की मांग एवं खपत के साथ-साथ कीमत भी कुछ बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।