घटे भावों पर लिवाली निकलने से सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव में सुधार

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नई दिल्ली । विदेशों से विशाल मात्रा में सस्ते सोयातेल का आयात होने, तिलहन-तेल के घरेलू बाजार भाव पर दबाव रहने तथा तिलहनों के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होने से सोयाबीन का दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे आ गया था मगर 23-29 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान मिलर्स की खरीदारी से इसमें 100-200 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया।

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य बढ़कर 4500/4600 रुपए प्रति क्विंट पर पहुंचा। महाराष्ट्र और राजस्थान में भी अलगभग यही स्थिति रही।

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के दो तीन प्लांटों में भाव 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचा। सरकार ने 2024-25 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6.3 प्रतिशत बढ़ाकर 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।

उत्पादन: सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 123.85 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 125.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

सोया तेल (रिफाइंड): सोयाबीन का दाम सुधरने से सोया रिफाइंड तेल की कीमतों में भी 10-20 रुपए प्रति 10 किलो की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। मंदसौर की एक इकाई में भाव 45 रुपए उछलकर 986 रुपए प्रति 10 किलो हो गया। कोटा, मुम्बई, कांडला एवं सोलापुर में रिफाइंड सोया तेल के दाम में 15-15 रुपए तथा हल्दिया में 10 रुपए की वृद्धि हुई। कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन तेल का आयात खर्च 5 डॉलर बढ़कर 1035 डॉलर (अगस्त डिलीवरी) प्रति टन हो गया।

आवक: घरेलू प्रभाग में सोयाबीन की आवक 23 अगस्त को 95 हजार बोरी, 27 अगस्त को 1.15 लाख बोरी तथा 29 अगस्त को 1.05 लाख बोरी दर्ज की गई जबकि प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है। सोयाबीन की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है। बिजाई क्षेत्र में कुछ इजाफा हुआ है मगर कहीं-कहीं बाढ़-वर्षा से फसल को नुकसान भी हुआ है। अगले महीने से इसकी छिटपुट कटाई-तैयारी शुरू होने की संभावना है। सरकार ने किसानों को उचित मूल्य दिलवाने का वादा किया है।