Kharif Sowing: सोयाबीन का रकबा बढ़कर 124.69 लाख हेक्टेयर

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नई दिल्ली। Kharif Sowing 2024: इस साल खरीफ फसलों की बोआई में वृद्धि देखने को मिल रही है। चालू खरीफ सीजन में अब तक खरीफ फसलों की बोआई 980 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गई है। दलहन, तिलहन, मोटे अनाज की बोआई में इजाफा हुआ है। इस सीजन की सबसे बड़ी फसल धान की बोआई में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि कपास का रकबा घटा है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार 12 अगस्त तक 979.89 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोआई हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 966.40 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से 1.39 फीसदी अधिक है।

खरीफ सीजन की सबसे बड़ी फसल धान का रकबा अब तक 331.78 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के 318.16 लाख हेक्टेयर रकबा से 4.28 फीसदी ज्यादा है। इस साल कपास की बोआई पिछले साल के 121.24 लाख हेक्टेयर से 8.86 फीसदी घटकर 110.49 लाख हेक्टेयर रह गई।

दलहन फसलों की बोआई
चालू खरीफ सीजन में 12 अगस्त तक दलहन फसलों का रकबा 117.43 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछली समान अवधि के रकबा 110.08 लाख हेक्टेयर से 6.67 फीसदी अधिक है। अरहर की बोआई पिछले साल के 38.49 लाख हेक्टेयर से 15.79 फीसदी बढ़कर 44.57 लाख हेक्टेयर और मूंग की 29.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32.78 लाख हेक्टेयर हो गई, जबकि उड़द की बोआई पिछले साल के 28.83 लाख हेक्टेयर से घटकर 27.76 लाख हेक्टेयर रह गई।

तिलहन फसलों का रकबा
चालू खरीफ सीजन में अब तक 183.69 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में 182.17 लाख हेक्टेयर में बोई गई तिलहन फसलों से करीब एक फीसदी ज्यादा है। इस दौरान इस सीजन की सबसे बड़ी तिलहन फसल सोयाबीन का रकबा 124.69 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 122.89 लाख हेक्टेयर था। इस सीजन में मूंगफली का रकबा पिछले साल के 41.92 लाख हेक्टेयर से 8.34 फीसदी बढ़कर 45.42 लाख हेक्टेयर हो गया। तिल का रकबा पिछले साल के 11.14 लाख हेक्टेयर से घटकर 10.14 लाख हेक्टेयर रह गया।

मोटे अनाजों की बोआई
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 12 अगस्त तक मोटे अनाजों की 173.13 लाख हेक्टेयर में बोआई हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 171.36 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से एक फीसदी ज्यादा है। मोटे अनाजों में मक्का का रकबा 7.57 फीसदी बढ़कर 85.17 लाख हेक्टेयर हो गया। हालांकि इस साल मोटे अनाजों में मक्का के बाद दूसरी बड़ी फसल बाजरा की बोआई करीब 4.5 फीसदी घटकर 65.69 लाख हेक्टेयर रह गई।