मुंबई। Stock Market Closed: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को उतार-चढ़ाव भरे सत्र में मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। कंपनियों की पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा से पहले निवेशकों ने दिग्गज शेयरों में मुनाफावसूली की। बाजार में कमजोरी का यह लगातार दूसरा दिन था।
शुरुआती बढ़त को गंवाने के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 27.43 अंक या 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,897.34 पर बंद हुआ। शुरुआती कारोबार में सूचकांक 245.32 अंक चढ़कर 80,170.09 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, लेकिन बाद में हैवीवेट शेयरों में बिकवाली के कारण इसकी बढ़त कम हो गई। सेंसेक्स में आज 79,464.38 और 80,170.09 के रेंज में कारोबार हुआ।
वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) 8.50 अंक या 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,315.95 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में यह 24,402.65 के उच्चतम और 24,193.75 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा।
टॉप गैनर्स एंड लूजर्स
आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 16 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। ITC, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, SBI और टाइटन, सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर रहे। इसके अलावा, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, HCL टेक, कोटक बैंक, बजाज फिनसर्व, TCS, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, रिलायंस और JSW स्टील के शेयर लाभ में रहे। वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के 30 शेयरों में 14 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। बजाज फाइनेंस, M&M, NTPC, नेस्ले इंडिया और पावर ग्रिड सेंसेक्स के टॉप-5 लूजर्स रहे। इसके अलावा, सन फार्मा, L&T, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारती एयरटेल, मारुति, ICICI बैंक, HDFC बैंक अदाणी पोर्ट्स और HUL के शेयरों को नुकसान हुआ।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “प्रमुख सूचकांक एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहे हैं और पहली तिमाही की कमाई के मौसम से पहले अपने प्रीमियम मूल्यांकन को सही ठहराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसके कम रहने का अनुमान है।”
ग्लोबल मार्केट का हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग बढ़त पर बंद हुए। यूरोपीय बाजार पॉजिटिव क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार काफी बढ़त पर बंद हुए। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे। उन्होंने 583.96 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.21 प्रतिशत चढ़कर 85.26 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।