गंगा दशमी पर आज बड़े मथुराधीश मंदिर पर होगा प्रभु के जल विहार का मनोरथ

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तिबारी में भरा जाएगा जल, निज मंदिर के बाहर विराजेंगे मथुराधीश प्रभु

कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर रविवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि गंगा दशमी के दिन निज मंदिर के बाहर तिबारी में घुटनों तक जल भरा जाएगा।

मथुराधीश प्रभु निज मंदिर के बाहर विराजेंगे। जल में विभिन्न प्रकार के इत्र, फूलेल और अन्य सुगंधित पदार्थ डाले जाएंगे। केवल एक ही बार भोग आरती के दर्शन सायंकाल 5 बजे के बाद सेवा अनुकूल समय में होंगे। डोल तिबारी में सभी दिशाओं में कुंज के भाव में केले के पत्ते व तने रखे जाएंगे।

भगवान के सामने पानी में कछुए और मगरमच्छ जैसे लकड़ी के खिलौने और कमल जैसे खूबसूरत फूल भी तैराए जाएंगे। गोस्वामी स्वयं गोपी के भाव में प्रभु के समक्ष जल क्रीड़ा के भाव से भाग लेंगे। आरती भी मंगला तिबारी में ही की जाएगी। इस दौरान मुख्य द्वार पर हल्दी का मंडन होगा। आम के पत्तों की वंदन माला सजाई जाएगी। झारीजी में यमुना जी का जल भरा जाएगा।

उन्होंने बताया कि पुष्टिमार्ग में गंगा दशमी भाव गंगा और यमुना के मिलन का भाव माना गया है। दस इंद्रियों को वश में करके महाप्रभु को पाने की गंगा की इच्छा यमुना जी के माध्यम से ही पूरी हुई थी। इसलिए पुष्टिमार्ग में गंगा दशहरा को यमुना दशमी के रूप में भी मनाया जाता है।

निर्जला एकादशी 18 को
मिलन कुमार बावा ने बताया कि मथुराधीश मंदिर पर निर्जला एकादशी मंगलवार को मनाई जाएगी। जिसमें प्रभु के नौका विहार के मनोरथ के दर्शन शाम 6:30 बजे के बाद सेवाअनुकूल समय में होंगे।