NEET के रिजल्ट में गड़बड़ी और पेपर लीक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर

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जयपुर। NEET 2024 Result: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के रिजल्ट में कथित गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोपों को लेकर अदालतों में याचिका दायर किए जाने का सिलसिला जारी है। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राजस्थान हाईकोर्ट में नीट में कथित अनियमितता को लेकर याचिका दाखिल की गई है।

याचिकाकर्ता केशव पारीक ने कहा कि जनहित याचिका रजिस्टर्ड हो चुकी है और गर्मी की छुट्टियों के दौरान अवकाशकालीन पीठ के गठन के बाद इस पर सुनवाई की जाएगी।याचिकाकर्ता ने नीट यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं, मनमानी और हेराफेरी को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के खिलाफ कार्रवाई न करने को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि एनटीए खुद को दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे निष्पक्ष परीक्षा एजेंसी बताती है लेकिन नीट देने वाले बहुत बड़ी संख्या में छात्रों ने परीक्षा के रिजल्ट और इसके तौर तरीके पर आपत्ति जताई है।

पारीक ने बताया कि एनटीए ने शुरुआत में 9 फरवरी से 9 मार्च 2024 तक नीट यूजी 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए थे। इसके बाद नीट के इतिहास में पहली बार एनटीए ने 8 अप्रैल 2024 को आवेदन पोर्टल फिर से खोला, जिससे शक पैदा हुआ। याचिका के अनुसार नीट परिणाम 14 जून, 2024 को घोषित किए जाने थे।

लेकिन याचिकाकर्ता और परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों छात्रों के लिए यह हैरानगी वाली बात थी कि एनटीए ने 10 दिन पहले 4 जून, 2024 को रिजल्ट जारी कर दिया। नीट रिजल्ट ऐसा आया कि उसने सबको चौंका दिया। 67 उम्मीदवारों ने 720 में से 720 अंक लाकर टॉप जो कि कभी नीट के इतिहास में हुआ ही नहीं। 67 विद्यार्थियों ने रैंक 1 हासिल की। इसके अलावा कई छात्रों ने 718 या 719 जैसे अंक पाए जो कि लाना नामुमकिन है। इससे परीक्षा की मार्किंग सिस्टम के संबंध में चिंताएं बढ़ती हैं।

पारीक ने बताया कि 67 टॉपरों में से छह एक ही परीक्षा केंद्र से थे, जिससे गड़बड़ी या संभावित हेराफेरी का संदेह और मजबूत होता है। उन्होंने बताया कि एनटीए द्वारा दिए गए 718 और 719 अंकों को लेकर विवाद स्टैंडर्ड नीट मार्किंग स्कीम से हुआ है।

नीट में प्रत्येक प्रश्न के लिए चार अंक होते हैं, प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक अंक काटा जाता है, इस प्रकार गलत उत्तर के लिए कुल पांच अंक काटे जाते हैं। इसके अलावा यदि कोई उम्मीदवार किसी प्रश्न का उत्तर नहीं देता है, तो उसके चार अंक काटे जाते हैं। इसका मतलब है कि 720 अंक के बाद किसी भी स्टूडेंट्स के 716 और 715 अंक ही आ सकते हैं। 718 और 719 अंक आ ही नहीं सकते।