नई दिल्ली। स्वास्थ्य बीमा में बड़ा बदलाव किया गया है। इसके तहत पॉलिसीधारकों को अब पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए 36 महीने से ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले इन बीमारियों के इलाज के लिए प्रतीक्षा अवधि 48 महीने थी। नया नियम एक अप्रैल, 2024 से लागू है।
बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने हालिया अधिसूचना मे कहा, पहले से हुई किसी बीमारी (पीईडी) की जांच स्वास्थ्य बीमा कंपनी की ओर से जारी पॉलिसी के शुरू होने की तारीख से 36 माह पहले फिजिशियन द्वारा किया जाता है या चिकित्सा सलाह या उपचार की सिफारिश की गई है तो ऐसे मामलों में वेटिंग अवधि 36 माह से ज्यादा नहीं होगी।
इरडा के मुताबिक, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के शुरू होने से 36 महीने तक की अवधि के दौरान उल्लिखित बीमारियां या इलाज (दुर्घटना के कारण को छोड़कर) कवर नहीं होते हैं। अवधि पूरी होने पर इन बीमारियों/ उपचारों को कवर किया जाएगा, बशर्ते पॉलिसी को बिना किसी रुकावट के लगातार रिन्यू कराया गया हो।
इरडा ने स्पष्ट कहा है कि पॉलिसी खरीदते समय खरीदारों को पुरानी बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी बीमा कंपनी को देनी होगी। इस आधार पर बीमा कंपनी स्वास्थ्य बीमा उत्पादों में पहले से मौजूद बीमारी की वेटिंग अवधि और विशिष्ट वेटिंग अवधि को कम करने का प्रयास कर सकती हैं। हालांकि, यह नियम विदेशी यात्रा पॉलिसियों के लिए लागू नहीं होगा।
नियामक ने कहा है कि बीमा कंपनियों को सरल और आसान उत्पाद पेश करने की जरूरत है, जो पॉलिसीधारक को समझ में आ जाए। इनके शब्दों, कवरेज व शर्तों में पारदर्शिता और स्पष्टता हो। पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा हो। उत्पादों से संबंधित सभी जोखिमों पर मूल्य निर्धारण में उचित रूप से विचार किया जाए।
इरडा ने कहा कि प्रीमियम की दरें उचित हों। अनुचित भेदभावपूर्ण नहीं हों और बीमाधारकों के प्रीमियम का सही मूल्य दें। सभी जोखिम उठाने की क्षमता हो। कोई ऐसे उत्पाद, जिन्हें जरूरी हो तो वापस ले लिया जाए।