फूल मंडली में विराजे मथुराधीश प्रभु, मन्दिर पर लगी दर्शनार्थियों की भीड़

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मथुराधीश प्रभु को लगाया नीम, मिश्री, कालीमिर्च का भोग, नवसंवत्सर की दी बधाई

कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री मथुराधीश मंदिर पर नववर्ष चैत्र शुक्ल एकम् के दर्शन के लिए मंगलवार को दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही। इस दौरान चैत्रीय गुलाब की फूल मंडली (बंगला) को सिद्ध करके ठाकुर जी को पधाराया गया। प्रभु को नीम, मिश्री और काली मिर्च का भोग धराया गया। राजभोग के समय मथुराधीश प्रभु के फूल मंडली के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। भक्तों ने मथुराधीश प्रभु के जयकारों से मन्दिर परिसर को गूंजा दिया।

राजभोग में श्रीमथुराधीशजी में नियम की छज्जे वाली चैत्री गुलाब की मंडली लाई गई। चैत्री गुलाब से निर्मित मंडली (बांग्ला) में श्रीजी विराजित हुए। इस मंडली में गेंद, चौगान घाट धराए गए। मनोरथ के रूप में विविध सामग्रियां प्रभु को अरोगायी गईं।

राजभोग से दर्शन- आरती तक प्रभु मंडली में विराजे। मंगला दर्शन में प्रभु को चंदन, आँवला, एवं फुलेल (सुगंधित तेल) से अभ्यंग (स्नान) कराया गया। राजभोग की अनसखड़ी में दाख (किशमिश) का रायता, सखड़ी में मिठाई सेव और केसरी पेठा अरोगाये गए।

इस दौरान मन्दिर पर “जान्यो जान्यो री में सयान प्राणेश्वर.. नवनिकुंज देवी जय राधा, चैत्र मास संवत्सर पर्व, वारस प्रवेश भयो है आज.. बलि बलि आज की बांके लाल… आई है हमारा कोउ संग वंदन चरण.. चाँद दे मननि श्याम संग रुठवो.. राय गिरधरन संग राधिका रानी..” सरीखे पद गूंजते रहे।