जयपुर। वसुंधरा राजे सिंधिया ने सोमवार को समर्थक विधायकों को डिनर पर बुलाकर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। उसने आलाकमान को अपनी ताकत दिखा दी है और यह बताने का प्रयास किया है कि उसे ही मुख्यमंत्री बनाया जाये।
आपको बता दें कि राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के करीब 25 नवनिर्वाचित विधायकों ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी। ये विधायक राजे के सिविल लाइंस स्थित आवास पर उनसे मिले।
पार्टी को राज्य में बहुमत मिलने के बाद भाजपा आलाकमान इस समय नए मुख्यमंत्री चुनने की कवायद कर रहा है। ऐसे समय में विधायकों की राजे से इस मुलाकात को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों से करीब 25 विधायक सोमवार शाम तक अलग-अलग समय पर राजे से उनके आवास पर मिले। कई लोगों ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जबकि कुछ ने यह भी संकेत दिया कि राजे को राज्य का नेतृत्व करना चाहिए।
राजे के समर्थक चाहते हैं
पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। 2018 में भाजपा की हार और पार्टी के भीतर बदले हालात के बाद ऐसा माना जाने लगा कि राजे को किनारे किया गया है। पहले के चुनावों में वह मुख्यमंत्री का चेहरा थीं, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ‘मुख्यमंत्री पद के चेहरे’ की घोषणा नहीं की और पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘कमल’ को आगे कर चुनाव लड़ा। अब 115 सीटों पर जीत के साथ भाजपा स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर चुकी है और राजे के समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि पार्टी उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका देगी।
राजे को विजयी विधायकों का समर्थन
नसीराबाद से भाजपा विधायक रामस्वरूप लांबा ने वसुंधरा राजे से मुलाकात के बाद कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे के काम की वजह से ही राजस्थान में भाजपा की वापसी हुई है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए राजे का समर्थन करते हैं, तो उन्होंने कहा, राजे को सभी विजयी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सोमवार को विधायकों से मुलाकात के बाद राजे समर्थकों ने दावा किया था कि राजे से करीब 47 विधायकों ने मुलाकात की हैं। वहीं आज भी कई विधायक राजे से मिलने आ सकते हैं।
ये विधायक पहुंचे राजे से मिलने
जयपुर में विधायक राजे के आवास पर पहुंचे। देर शाम तक करीब दो दर्जन विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इनमें कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेम चंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, कालूलाल मीणा, केके विश्नोई, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह और शत्रुघ्न गौतम आदि शामिल हैं।
इन नेताओं के नाम चर्चाओं में
राज्य के मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जिन नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं उनमें झालरापाटन सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाली राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी शामिल हैं। हालांकि यह सिर्फ अटकलें हैं पार्टी ने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया है। दूसरी तरफ आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री शेखावत और मेघवाल ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। राज्य की कुल 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ और मतों की गिनती रविवार को संपन्न हुई। इसमें भाजपा को 115 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई।